१. सौधर्म स्वर्ग का नवमा पल्य
२. जम्बूद्वीप में रुचकवर पर्वत का कूट कंचन कूट के नाम से है |
३. कंचन का अर्थ सोना भी है | आज वर्तमान में जो भी युद्ध, रागद्वेष रूप परिणाम हो रहे है यह सब धन, कंचन के कारण हो रहे है | इसलिए इनका सर्वथा त्याग करने का उपदेश जैन वाड्मय में देते हुए आचार्यों ने कहा –
कि जो मोक्षाभिलाषी आत्माएं है उन्हें धन, कन, कंचन , राजसुख सभी का सर्वथा त्याग करके सन्तोष वृत्ति को धारण करते हुए वीतराग मुडा को ग्रहण करना चाहिए |
बारह भावना में कविवर भूधरदास ने कहा –
धन कान कंचन राजसुख सबहि सुलभ कर जान |
दुर्लभ है संसार में एक जथारथ ज्ञान ||