== {” class=”wikitable” “- ! कच्चा आहार !! पक्का आहार “- ” अधिक पोषण (शक्ति) दवा का काम “” उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है।विटामिन क्षार, लवण एवं अन्य पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। “- ” अधिक समय तक जीवित रहते हैं “” २४ घंटे में सड़ान पैदा हो जाती है। “- ” ३-४ दिन तक रख सकते हैं। “” “- ” कम समय में पच जाते हैं। “” पचने में अधिक समय लगता है। “- ” भूख के अनुसार ही खाये जाते हैं । “”स्वादवश भूख से अधिक खाया जाता है,स्वास्थ्य को क्षति पहुंचती है व रोगों की उत्पत्ति होती है। “- ” अनाज के छिलके भी खाये जाते हैं व विटामिन्स /खनिज लवण विटामिन्स /खनिज भी शरीर को मिलते हैं। “” आटा पीसने पर विटामिन्स /खनिज लवण कम हो जाते हैं। “- ” कम समय व पोषण शक्ति अधिक होती है। “” पकाने में समय अधिक लगता है व पोषण शक्ति कम हो जाती है। “- ” कच्चा भोजन मुंह में अच्छी तरह चबाया जा सकता है जिसमें मुंह का लार (पाचन रस) इनमें खुब मिल जाती है, पाचन शीघ्र होता है तथा दातों व्यायाम हो जाता है। दांत मजबूत हो जाते हैं “” अधिक चबाने की आवश्यकता नहीं होती व पाचन रस भी कम मिलता है।पाचन देर से होता है तथा दातों का व्यायाम कम होता है। “- ” स्टार्च और प्रोटीन अधिक होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। “”पकाने से कमी आती है। “- ” मिलावट का भय नहीं रहता व अनाज की अच्छी बुरी किस्म का भी भान हो जाता है। “”पके भोजन में मिलावट होने पर मालूम नहीं पड़ता है। “- ” पैकिंग की आवश्यकता नहीं होती है। “” पैकिंग में रसायनों का मिश्रण कर लम्बे समय तक रखा जाता है व पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। “- “खराब होने पर दुबारा किसी को खिलायी नहीं जाती है। “” पके पदार्थ खराब होने पर भी खिलाये जा सकते हैं। “- “मौसम के परिपक्व अवस्था वाले फल,सब्जी सस्ते होते है व अधिक लाभ करते है। पुष्टिकारक व स्वास्थ्य वर्धक होते हैं। “”पका भोजन महंगा होता है व जितना अधिक पकाया जाता है पौष्टिकता नष्ट होती है। “}