
हे प्रभुवर पारस नाथ! तुम्हीं, कल्याण के मंदिर कहलाते।
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान…… 
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान……
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान….. 
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये है। 
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान……
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान…… 
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान……
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान……. 
प्रभु पार्श्व तुम्हारी पूजा से, सब संकट हरने आये हैं। भगवान…….. 

जय जय पारस प्रभो, भवदधितारक विभो, द्वार आया। 