कान का दर्द — सुदर्शन का पत्ता के रस कान में डालने से कान का दर्द पीप आदि ठीक होता है। प्याज गर्म करें, कुचलकर रस निकालकर कान रुई से साफ करके प्याज का रस डालें, तुरन्त दर्द बन्द हो जायेगा।
बहरापन — फिटकरी को जैतून के तेल में पकाकर कान में डाल दें, बहरेपन में लाभ होता है।
कम सुनना — साफ सुनाई ना देने पर दालचीनी का तेल कान में दो बार डालने से लाभ होता है। कान दर्द एवं मैल होने पर नींबू का रस कान में भर दें, उसमें थोड़ी कौड़ी भस्म डाल दें, पांच मिनट में उबाल आकर कान का मैल साफ कर देगा और दर्द भी ठीक होगा। पांच मिनट बाद दवा को गिराकर रुई से कान को अच्छी तरह साफ कर लें, सरसों का तेल डाल दें।
कान में कीड़ा— गर्म पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर उस पानी को कान में डालें, फिर कान उल्टा कर दें कीड़ा बाहर आ जायेगा।
कान के रोग — नीम के पत्ते पानी में डालकर उबालें। इसकी भाप का बफारा देने से कान का मैल निकल जाता है, कान के दर्द में आराम मिलता है। सर्दी लगने, मैल जमने, फुन्सियाँ निकलने, चोट लगने से कान में दर्द हो तो अदरक के रस को कपड़े में छानकर गुनगुना गर्म करके तीन—चार बूंद डालने से दर्द ठीक हो जाता है। दर्द रहने पर थोड़ी देर बाद पुन: डाल सकते हैं। तुलसी के पत्तों का रस गरम करके कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है। कान बहता हो तो लगातार कुछ दिन डालने से लाभ होता है। कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसों के तेल को गर्म करके डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है। कान में चींटी चली जाए, इससे कान में सुरसुरी हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर कान में डालें। कान में कीड़ा घुस जाए तो पानी गर्म करके इसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर कान में डालें, फिर कान उलटा कर दें। कीड़ा बाहर आ जाएगा। जिस कान में पानी भरा हो, उसी ओर के एक पैर पर खड़े होकर, उसी ओर सिर झुकाकर कुछ देर कूदें। पानी बाहर निकल आएगा। एक चम्मच सोंठ में गुड़ और घी मिलाकर गर्म करें, फिर प्रतिदिन दो बार खायें। उससे कान में सॉय—सॉय की आवाज ठीक हो जाएगी।