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काम का भार अधिक होने से या आंखों व दिमाग पर ज्यादा लोड होने पर आंखे लाल होना, आंखों के नीचे कालापन, आंखो के नीचे सूजन, आखों से पानी निकलना या और भी बहुत कारण है जिससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
१. ज्यादा तनाव होने पर आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
२. कभी लंबे समय से चश्में के प्रयोग के बाद लैंस का प्रयोग करने पर कुछ ऐसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
३. यह समस्या अधिकतर दबाव कम्प्यूटर पर घंटों काम करने व साइनस की समस्या, हाइपोथपराइकिज्म में ली जाने वाली दवाइयों के प्रयोग से होती है। (हाइपोथयरॉइडिज्य)
४. अगर रात में नींद पूरी न हो तो अगले दिन आंखे सूजी व लाल दिखाई देती हैं।
५. सर्दी— जुकाम होने पर भी आंखे लाल हो जाती हैं।
६. ज्यादा टेंशन व सिरदर्द की वजह से भी आंखें लाल दिखाई देती हैं।
७. आंखों में जलन, खुजली, पानी आने व दर्द होने जैसी परेशानियां संक्रमण के कारण भी होती हैं।
८. घर से बाहर जाते समय धूप का चश्मा लगाये नहीं तो धूप के कारण भी आखें लाल होती हैं।
९. धूल के कणों व क्लोरिन जैसे केमिकल के सम्पर्वक में आने से भी आंखे लाल होती हैं।
माइग्रेन का इलाज अब बोटोक्स से किया जाता है जबकि पहले इसका प्रयोग बढ़ती उम्र के लक्षणों को छिपाने के लिए किया जाता था माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है, जो स्त्री व पुरुष दोनों में होता है यह बीमारी तनाव खानपान, नींद व अन्य कारणों से होती है। माइग्रेन के ईलाज के क्रम में निश्चित मात्रा में बोटोक्स के इंजेक्शन मरीज के २९ से ३२ स्थानों पर लगाये जाते हैं। ६—७ माथे पर ८ कनपटी और सिर के पीछे की तरफ गर्दन पर, ६ कंधे पर इन स्थानों पर इंजेक्शन लगाते हैं। वहां थोड़ा—२ दर्द होता है । मरीज को ठीक होने में उसमें कम से कम ३ माह लगते हैं।
स्वास्थ्य व खूबसूरती बरकरार रखने के लिए हमें अपने खान—पान पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है। कुछ ऐसे पदार्थों का प्रयोग करें। जिससे मन सदैव प्रसन्न रहे।
पालक :— पालक का प्रयोग बहुत ही लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन बी और फोलेट की प्रचुर मात्रा होती है। जो दिमाग की क्रियाशीलता को गति देता है। व इसमें आयरन की मात्रा भी भरपूर होती हैं जो थकान को दूर करने में सहायक होती है। दही:— दही के प्रयोग से चिंता सिरदर्द तो कोसो दूर रहती है साथ ही इसमें वैल्शियम और प्रोटीन व्याप्त होने से शरीर को तरोताजा रखता है। सकल (शकरकंद):— शकले का प्रयोग हितकर है। क्योंकि इसमें फोलेट पाया जाता है जो ब्लड शुगर का स्तर समान बनाए रखने में मदद करता है। मूंगफली— मूंगफली में लवण सेलेनियम पाया जाता है जो मन को खुशगवार बनाने में मदद करता है। टमाटर— टमाटर का प्रयोग खाद्य पदार्थ में अधिक से अधिक करें क्योंकि इसमें विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है। टमाटर का सूप बनाकर प्रयोग करने से (टेप्रिक तनाव) मन शान्त हो जाता है। इसका प्रयोग सलाद के रूप में भी भरपूर करें। गाजर— सर्दी के मौसम में गाजर का भरपूर प्रयोग सलाद के रूप में करें इससे मन प्रसन्न रहता है। मूली— मूली के मौसम में मूली व उसके पत्तों का कच्चा प्रयोग सेहत के लिए बड़ा ही लाभकारी होता है। व कई रोगों का इलाज भी।
१. गेंहू से बनी ब्रेड, पास्ता और ब्राउन राइस से दूर ही रहें तो ज्यादा अच्छा होगा।
२. फलों का प्रयोग अधिक व जूस का कम करें।
३. बिस्कुट, चॉकलेट, कोल्डड्रिंक्स मीठा का प्रयोग कम मात्रा में ही करें तो सेहत सही बनी रहेगी।
४. २०—२५ मनट प्रतिदिन योग करने से मन प्रसन्न रहता है व एंडोर्पिन हार्मोन का स्राव अच्छी मात्रा में होता है।
५. योग मन में पनपते नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने में भी सहयोगी है।
डायबिटीज से ग्रस्त लोगों की उम्र बढ़ने के साथ—२ आंत कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। नये— नये शोध में पाया है कि दूसरी श्रेणी के डायबिटीज वाले पुरूषों को आंत कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। शोधकर्ता प्रो टिम डेविस ने बताया कि इन परिणामों के बाद चिकित्सकों को ऐसे मरीजों के इलाज में सावधानी रखनी चाहिए। इस शोध में टाईप टू डायविटीज वाले १३०० लोगों को शामिल किया गया है। जिन्हें टाइप टू डायबिटीज वाले मरीजों में आंत के कैंसर का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।
शराब मस्तिष्क के संकेतो को क्षीण बनाने में सहकारी होती है। जिससे व्यक्ति का स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता कोलांबिया के मिसॉरी विश्व विद्यालय के अध्ययनकर्ता ब्रूस वार्थोलो और उनके ६७ साथियों ने लोगों के मस्तिष्क की सक्रियता मापी इन लोगों को ऐसे काम करने के लिए दिये गये जिनमें उनसे गलतियां दो प्रतिभागियों में से एक तिहाई को शराब पिलाई गई थी । और शोधकर्ताओं ने देखा कि वे कम्प्यूटर पर सही ढंग से काम करते है या नहीं जिन्होंने शराब नहीं पी थी उनकी मस्तिष्क का हिस्सा तेजी से प्रतिक्रिया दे रहा था बल्कि पीने वालों का मस्तिष्क चेतावनी संकट कम सक्रिय था।
यदि आप रोज १५—२० मिनट योग करते हैं तो आपकी जिंदगी के दिनों की वृद्धि हो रही है अब जिम आदि में पसीना बहाने की जरूरत नहीं है क्योंकि १५ मिनट का व्यायाम भी आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है। लांसेट में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार १५ मिनट का व्यायाम भी आपकी जिंदगी के ३ साल बढ़ाता है बल्कि मौत की शंका में भी १४ प्रतिशत तक कमी लाता है। यह बात सभी स्त्री व पुरूष पर लागू होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए सप्ताह में १५० मिनट का व्यायाम अनिवार्य बताया है। १. एक हफ्ते में ९२ मिनट व्यायाम करने वालों में किसी भी बीमारी के चलते १४ प्रतिशत मौत की आशंका कम हो जाती है। २. कैंसर की अशंका में १० प्रतिशत की कमी आती है। जबकि टी.वी देखने से उम्र में हानि होती है। १. प्रतिदिन ६ घण्टे टी.वी देखने वालों की भी जिंदगी के ४.८ घंण्टे कम हो जाते हैं। २. २५ साल की उम्र के बाद प्रत्येक एक घंटा टी.वी देखने से वार्षिक स्तर पर २१.८ मिनट जिंदगी कम होती है।