आदि ब्रह्मा एवं नारायण के बताये हुये वास्तु शास्त्र के सूत्रों से सहयोग लेवें और बढ़ायें अपनी कार्यक्षमता, मनोबल आत्म विश्वास। प्रकृति हमें सब कुछ देने के लिए तैयार है। हमें लेने का तरीका आना चाहिए। जिस मार्ग में आगे बढ़ना है, सफलता के शिखर को छूना है निम्नलिखित सूत्रों को अपने जीवन में उतारें। निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी।
(गृहवास्तुप्रदीप) विषय—ऑफिस का इंटीरियर सेटिंग इत्यादि। निवासस्थान या व्यापारिक स्थान चन्द्रवेदी एवं आयताकार को उत्तम माना गया है। विगत कई वर्षों के भ्रमणकाल में अर्जित किये गए अनुभव आपके सामने—
(१) ऑफिस में जब भी टेबल लगायी जाये ऑफिस के नैऋत्य कोण में लगानी चाहिए। आपका मुँह पूर्व या उत्तर में होना चाहिए। आपके सामने विजिटर्स का मुँह पश्चिम या दक्षिण होना चाहिए।
(२) विजिटिंग कुर्सी आपके टेबल के सम्मुख होनी चाहिए एवं घुमावदार (रिवालवींग) होना चाहिए। मालिक के बैठने की कुर्सी लकड़ी की चार टाँग वाली होना चाहिए। उस कुर्सी में किसी भी तरह की लोहे का कील न लगायें, लकड़ी की लगायें और जरूरत हो तो पीतल की लगा सकते हैं। विजिटिंग की कुसी से मालिक की कुर्सी ऊँची एवं बड़ी तथा सुन्दर होनी चाहिए। उस कुर्सी पर बैठने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
(३) मुख्य गेट के सामने में टेबल नहीं होनी चाहिए। मुख्य गेट से आपकी टेबल कटनी नहीं चाहिए, ऐसा है तो एकाग्रता नष्ट होगी, ऐसा नहीं हो तो एकाग्रता में वृद्धि होगी।
(४) सीलिंग पर बीम का अगर वेध हो उसे अतिशीघ्र पीओपी करवा कर उसे एक रूप दे दें। बीम रहने से माथे पर बोझ, सर का भारी होना होता है। बीम नहीं रहने से मस्तिष्क में भार नहीं होता मन हल्का प्रसन्न रहता है।
(५) ऑफिस के लिए टेबल बनाते समय, साइड टेबल बनाते समय, बैक टेबल बनाते समय ध्यान रखें कही आप यू आकार में तो नहीं है। अगर हैं तो आप ऑफिस में अपने को बँधा बँधा महसूस करेंगे। ऑफिस से बाहर निकलकर काम करने की इच्छा नहीं होगी। बंधनमुक्त होने के लिए एल शेप में टेबल बनवायें।
(६) आपके पीठ के पीछे कोई बड़ी खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए। अगर है तो आप में साहस की कमी होगी। साहस को पाने के लिए खिड़की में ग्लास (शीशा) लगाकर बन्द करें। शीशा लगाने से प्राकृतिक रोशनी का आगमन होता रहेगा। नैऋत्य से आने वाली नकारात्मक ऊर्जाओं का आना बन्द हो जायेगा।
(७) आपके ऑफिस के टेबल का टॉप ग्लास का न हो। ग्लास का होने से आपका अक्स (िंबब) जो दिखायी देता है, आपके शरीर की ऊर्जाओं को कम करने में सहायक बन जाता है। अगर ऐसा है तो आप कमजोरी, थकान महसूस करेंगे, है तो बदल लेवें। कोई भी प्लेन मैट, बेलबेट, बूडेन फिनिसिंग, मेटपॉलिश का टॉप व्यवहार में लायें। ऐसा करने से कमजोरी का पलायन होगा। साहस की वृद्धि होगी।
(८) ऑफिस के रूप में प्राकृतिक रोशनी, हवा आना अति आवश्यक है। ए. सी. ऑफिस होने के कारण प्राकृतिक हवा ए. सी. के सहयोग से आती है, प्राकृतिक रोशनी आने के लिए इंटीरियर की सलाह लेकर शीशों के द्वारा रोशनी अंदर लायी जाती है। प्राकृतिक रोशनी एवं हवा से मानव की कार्यक्षमता बढ़ जाती है। कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए नि:शुल्क मिलने वाला सहयोग प्राप्त करें।
(९) ऑफिस में बन्द घड़ी, धीमी चलने वाली घड़ी, खण्डित वस्तुएँ, डस्टबिन ईशान कोण में रखना, ईशान कोण में भारी—भरकम सामान या आलमारी रखना, ईशान कोण की दीवार पर पहाड़ का चित्र होना, ईशान में मेन स्विच होना, दरवाजा खोलने से आवाज होना।