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टेलीफोन शीट तो सबको याद है कैसे याद नहीं होगी आजकल दिन की शुरूआत ही उससे होती है चाय बनानी है तो नॉन स्टिक तपेली (पतीली) तवा, प्रईपेन, ना जाने कितने ही बर्तन हमारे बारे में है जो टेलीफोन कोटिंग वाले हैं। टू इजी टू कुक इंजी टू क्लीन वाली छवि वाले ये बर्तन हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं, दादी नानी वाला जमाना याद आ जाता है जब चमकते हुए बर्तन स्टेंडर्ड की निशानी माने जाते थे। आजकल उनकी जगह इन काले बर्तनों ने ले ली है। हम सब इन बर्तनों को अपने घर में उपयोग में लेते आए हैं और शायद कोई बहुत बेहतर विकल्प ना मिल जाने तक आगे भी उपयोग करते समय हम यह बात भूल जाते हैं की यह हमारे शरीर को नुक्सान पहुंचा सकते है या हममें से कई लोग यह बात जानते भी नहीं कि सच में ऐसा कुछ हो सकता है कि सच में ऐसा कुछ हो सकता है कि बर्तन हमारी बीमारियाँ बढ़ा सकते है या हमारे अपनों को तकलीफ दे सकते है और हमारे पक्षियों की जान भी ले सकते हैं। चौंकिए मत यह सच है। हालांकि टेफलोन को २० वीं शताब्दी की सबसे बहतरीन केमिकल खोज में से एक माना गया है। स्पेस सुइट और पाइप में इसका प्रयोग ऊर्जा रोधी के रूप में किया जाने लगा पर यह भी एक बड़ा सच है कि यह स्वास्थ्य के हानिकारक है इसके हानिकारक प्रभाव सांस की बीमारी जैसी कई बीमारियों के रूप में देखे जा सकते हैं। टेफलोन कोटेड बर्तनों में सिर्फ ५ मिनट में ७२१ डिग्री टेम्प्रेचर तक गर्म हो जाने की प्रवृति देखी गई है और इसी दौरान ६ तरह की गैस वातावरण में फैलाती है इनमे से २ ऐसी गैस होती है जो कैंसर को जन्म दे सकती है।
१. पुरूष इनफर्टिलिटी: हाल ही में किए गए एक डच अध्ययन में यह बात सामने आई है लम्बे समय तक टेफलोन केमिकल के शरीर में जाने से पुरूष इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है और इससे सम्बंधित कई बीमारियाँ पुरूषों में देखी जा सकती है,
२. थायराइड : हाल ही में एक अमेरिकन एजेंसी द्वारा किये गए अध्ययन में यह बात सामने आई कि टेफलोन की मात्रा लगातार शरीर में जाने से थायराइड ग्रंथि सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है।
३. बच्चे को जन्म देने में समस्या: केलिफोर्निया में हुई एक स्टडी में यह पाया गया कि जिन महिलाओं के शरीर में जल वायु या भोजन किसी भी माध्यम से टेफलोन की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई उन्हें बच्चों को जन्म देते समय अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा इसी के साथ उनमें बच्चों को जन्म देने की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम पाई गई।
४. कैंसर या ब्रेन ट्यूमर का खतरा: एक प्रयोग के दौरान जब चूहों को टेफलोन के इंजक्शन लगाए गए तो उनमें ब्रेन ट्यूमर विकसित हो गया साथ ही कैंसर के लक्षण भी दिखाई देने लगे । यह जब एक बार शरीर के अन्दर चला जाता है तो लगभग ४ साल तक शरीर में बना रहता है जो एक बड़ा खतरा हो सकता है।
टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी गैस पर बिना कोई सामान डाले अकेले गर्म होने के लिए ना छोड़े। इन बर्तनों को कभी भी ४५० डिग्री से अधिक टेम्प्रेचर पर गर्म ने करे सामान्यतया इन्हें ३५० से ४५० डिग्री तक गर्म करना बेहतर होता है। टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों में पक रहा खाना बनाने के लिए कभी भी मेटल की चम्मचों का इस्तेमाल ना करे इनसे कोटिंग हटने का खतरा बढ़ जाता है। टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों को कभी भी लोहे के औजार या ब्रुश से साफ ना करे। हाथ या स्पंज से ही इन्हें साफ करे। इन बर्तनों को कभी भी एक दूसरे के ऊपर जमाकर ना रखे। घर में अगर पालतू पक्षी है तो इन्हें अपने किचन से दूर रखें। अगर गलती से घर में ऐसा कोई बर्तन ज्यादा टेम्प्रेचर पर गर्म हो गया है तो कुछ देर के लिए घर से बाहर चले जाए और सारे खिड़की दरवाजे खोल दें। टूटे या जगह—जगह से घिसे हुए टेफलोन कोटिंग वाले बर्तनों का उपयोग बंद कर दें क्योंकि ये धीरे—धीरे आपके भोजन में जहर घोल सकते है। अगर आपके बर्तन नहीं भी घिसे है तो भी इन्हें २ साल में बदल लेने की सलाह दी जाती है। जहाँ तक हो सके इन बर्तनों का काम ही प्रयोग करिए इन छोटी—छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।