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रात को कपड़े बाहर न सुखाएं। बन्द घड़ियाँ घर में अशुभ होती है। झाडू पोंछा और कुड़ादान हमेशा छुपाकर रखें। रसोई घर में पानी और चूल्हा पास न रखें। मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियाँ नहीं होनी चाहिए। पति पत्नी हमेशा एक ही तकिये पर सोये। लम्बे गलियारे में दर्पण जरूर लगाएं। सूखे फूल घर में कभी ना रखे। खाली दीवार की तरफ मुंह करके ना बैठे। दक्षिण—पश्चिम में स्फटिक का झूमर टांगे।
जो हुआ उसे भूल जाओ ताकि जो है उसका आनन्द ले सको। लोग क्या सोचते हैं इसकी चिन्ता मत करो। वक्त सभी दर्द मिटा देता है, इसलिए खुद को वक्त दो। किसी और से अपनी तुलना मत करो और न ही किसी के बारे में कोई राय कायम करो क्योंकि तुम नहीं जानते उन्होंने अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए क्या—क्या पापड़ बेले हैं। ज्यादा मत सोचो। जरूरी नहीं हर सवाल का जबाब जानो, सही वक्त पर सभी जबाब खुद ही मिल जाएंगे। स्वयं को खुश रखो, यही सबसे जरूरी काम है। हंसते रहो, दुनिया की सारी परेशानियों का बोझ तुम पर नहीं हैं।
लहसून और प्याज से परहेज रखने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है, ट्रेनों में सफर के दौरान यात्री अगर चाहेंगे कि बिना लहसुन और प्याज का खाना पैट्रीकार से मिल जाए तो वह उन्हें उपलब्ध हो जाएगा, रेलवे ने स्टेशनों एवं पैट्रीकार में बगैर प्याज एवं लहसुन भोजन की व्यवस्था की है, इसे लागू करने का भी निर्देश दे दिया गया है रेलवे ने इस तरह के भोजन को ‘जैन फूड’ का नाम दिया है। ‘जैन फूड’ में दाल—बाटी और चूरमा, पनीर मक्खनी, गट्टा सब्जी आइटम शामिल किए गए हैं, इन सभी आइटमों में लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं होगा, इसके अलावा मीठा खाने वाले शौकीनों का भी रेलवे ने खास ख्याल रखा है, गुलाब जामुन, जलेबी, बांडेड मिठाइयाँ आदि भी अब यात्रियों को उपलब्ध होगी।
किसी के काम में तब तक दखल न दें, जब तक कि आपसे पूछा न जाएं। माफ करना और कुछ बातों को भूलना सीखें। पहचान पाने की लालसा न रखें। जलन की भावना से बचें। उतना ही काटें जितना चबा सके, अर्थात् उतना ही काम हाथ में लें, जितना पूरा करने की क्षमता हो। रोजाना ध्यान करें। खुद को माहौल में ढालने की चेष्टा करें। जो कभी बदल नहीं सकता उसे सहना सीखें। किसी भी काम को टाले नहीं और ऐसा कोई काम न करें जिससे बाद में आपको पछताना पड़ें। दिमाग को खाली न रहने दें।