लक्षण— इस बीमारी में दिल की धड़कन बढ़ जाती है, चेहरे पर खुश्की, प्यास, भद्दापन, नींद आने की स्थिति, अजीर्ण, अरुचि, भूख न लगना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
१. पिस्ते में जरा सा सेंधा नमक लगाकर खायें। इससे दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है।
२. पपीता दिल के मरीजों के लिए रामबाण है। एक कप पपीते के रस में जरा सा सेंधा नमक मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
३. त्रिफला चूर्ण में एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें।
उपचार — सदाबहार पौधे के आठ—दस पत्ते लेकर उसमें जरा सा सेंधा नमक मिलाकर चटनी या गोली बना लें। गोली के आकार चने जितने हों। प्रतिदिन ३ टाइम दो—दो गोली या आधा—आधा चम्मच चटनी सादे पानी से लें। एक माह तक नियमित रूप से लेने से यह रोग चला जाता है।
नोट — रोगी को शक्कर, शक्कर से बने पदार्थ, अधिक वसा, आलू, कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थ, चावल, पापड़ दालें आदि का सेवन नहीं करना चाहिए एवं सदैव प्रसन्न चित्त रहना चाहिए।
उपचार — सुबह गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर तथा एक चुटकी नमक डालकर घूँट—घूँट कर पीयें। लगभग दो मास तक सेवन करें। भोजन भरपेट न खायें मैदा या खोये के पदार्थ भी न खायें, तो आपको मोटापे से छुटकारा मिलेगा।
उपचार — बिनौले या राई के तेल में जरा सा सेंधा नमक डालकर गठिया वाले स्थान पर हल्की मालिश करें।
गिलदशांग गूगल की दो—दो गोलियाँ दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें। वायु की चीजें न खायें
उपचार — एक चुटकी सेंधा नमक, एक चुटकी फिटकरी तथा एक चुटकी सुहागा तीनों को पीसकर थो़ड़े से दही में मिला लें। फिर इस दही को मुहांसों पर लगायें।
उपचार — दस ग्राम चंदन या नीम के तेल में नींबू का रस और एक चुटकी सेंधा नमक डालकर खुजली पर लगायें।
उपचार — नीला थोथा, फिटकरी, सेंधा नमक बराबर मात्रा में ले लें। नीला थोथा तथा फिटकरी को तवे पर भून लें। इसका चूर्ण बनाकर इसमें नींबू का रस मिला दें। यह मल्हम दाद पर रगड़ कर लगायें। दाद ठीक हो जायेगा।
उपचार — शरीर पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से थोड़ी देर में पित्ती खत्म हो जाती है।
१. भोजन हमेशा तभी करें जब तेज भूख लगी हो।
२. भूख से थोड़ा कम ही खायें।
३. भोजन में सलाद, हरी सब्जियाँ, दूध, दही, फल आदि सभी वस्तुऐं शामिल करें।
४. सप्ताह में एक दिन उपवास करें।
५. प्रात:काल ५ बजे उठ जायें और रात दस बजे सोयें।
६. प्रात:काल रात को तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल अथवा ताजा जल गुनगुना करके दो गिलास अवश्य पीयें। इसके बाद शौच जायें।
७. चार बादाम, चार मुनक्के, दो काली मिर्च रात में भिगोकर प्रात:काल सिलबट्टे पर पीसकर नियमित गुनगुने दूध के साथ सेवन करें। दिमाग दृष्टि में दम—खम के लिए सर्वश्रेष्ठ नुस्ख है।
८. प्रात:काल प्राणायाम व रात में शवासन लाभदायक रहते हैं।
९. भोजन सदैव प्रसन्न चित्त होकर करें।