चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थान ।
जैनधर्म के प्रत्येक उत्सर्पिणी- अवसर्पिणी में चौबीस तीर्थंकर होते है जिसमें वर्तमान चौबीसी में अन्तिम एवं चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म विहार प्रान्त के नालन्दा जिला स्थित कुण्डलपुर नगर में हुआ । आज से २६०० वर्ष पूर्व इसी कुण्डलपुर नगरी में राजा सर्वार्थ एवं रानी श्रीमती राज्य करते थे जिनके पुत्र युवराज सिद्धार्थ हुए जिनका कि युवावस्था होने पर वैशाली के राजा चेटक एवं रानी सुभद्रा की पुत्री त्रिशला के साथ विवाह हुआ और उन्हीं महाराजा सिद्धार्थ एवं महारानी त्रिशला के एकमात्र पुत्र चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर हु जिनके जन्म के समय १५ महीने तक सौधर्म इन्द्र की आज्ञा से धनकुबेर के द्वारा प्रतिदिन साढ़े पन्द्रह करोड़ रत्नों की वृष्टि की गयी ।