दिगम्बर आम्नाय के एक प्रधान आचार्य | अपरनाम वट्टकेर । इन्होंने अपने जीवनकाल में गिरनार पर्वत की संघसहित यात्रा का बहुत बड़ा रेकार्ड बनाया एवं ८४ पाहुड ग्रन्थों की रचना करके जैनसमाज पर बहुत उपकार किया है । इनमें मूलाचार, समयसार, नियमसार आदि ग्रन्थों का स्वाध्याय समाज में बृहत् स्तर पर किया जाता है ।