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कृतयुग के प्रथम देव आदिनाथ को नमूँ!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
कृतयुग के प्रथम देव आदिनाथ को नमूँ
कृतयुग के प्रथम देव आदिनाथ को नमूँ।
कलियुग के महासूरि कुन्दकुन्द को नमूँ।।
उस शृँखला के सूरि शान्तिसिंधु को नमूँ।
सदि बीसवीं के प्रथम महासूरि को नमूँ।।१।।
उनके ही प्रथम शिष्य वीरसिंधु को नमूँ।
आचार्य शिरोमणि के प्रथम पट्ट को नमूँ।।
श्री वीरसिंधु शिष्या ज्ञानमती को नमूँ।
सदी बीसवीं की प्रथम बालसती को नमूँ।।२।।
ये आर्यिका शिरोमणि गणिनी स्वरूप हैं।
ये युगप्रवर्तिका हैं माँ ब्राह्मी का रूप हैं।।
ये शान्तिसिंधु वाटिका की शान्तिदूत हैं।
ये वीरसिंधु शिष्यावलि की अग्रदूत हैं।।३।।
भवभोगों का स्पर्श भी जिनने नहीं किया।
सुकुमार अवस्था में ब्रह्मचर्य व्रत लिया।।
आगर्भ ब्रह्मचारिणी पावन पवित्र हैं।
इनकी तपोशक्ती जगत में सुप्रसिद्ध है।।४।।
हे माँ! मैं करूँ याचना वरदान दीजिए।
भव भव में रहे भक्ति तेरी ध्यान दीजिए।।
निज ख्याति लाभ पूजा से दूर रह सकूँ ।
बस ‘चन्दनामति’ रत्नत्रय को पूर्ण कर सकूँ ।।५।।
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