केवली- जब [[भगवान महावीर]] स्वामी [[मोक्ष]] पधारे हैं, तब चतुर्थ काल ([[दुषमा-सुषमा]]) के अंत में तीन वर्ष आठ महीने और पंद्रह दिन बाकी थे। उसी दिन [[गौतम स्वामी]] को [[केवलज्ञान]] उत्पन्न हो गया, वे बारह वर्ष तक केवली रहे, मतलब आठ वर्ष और साढ़े तीन महीने तक वे पंचम काल में केवलीपद में विहार करते रहे हैं। ”वास्तव में चतुर्थ काल के जन्मे हुए पंचम काल में मोक्ष जा सकते हैं किन्तु पंचमकाल के जन्में हुए पंचम काल में मोक्ष नहीं जा सकते हैं।