वाशिंगटन के मिनोसोटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक शोध के माध्यम से पता लगाया है । कि कॉफी पीने से टाइप टू प्रकार का मधुमेह होने की संभावना काफी कम हो जाती है। मोटापा एवं शरीर के खून में शर्करा की मात्रा नियंत्रित करने की क्षमता में कमी होना इस किस्म के मधुमेह के लक्षण हैं। कॉफी की शोकीन अठाइस हजार महिलाओं पर लगातार ग्यारह वर्षों तक किए गए शोध के मुताबिक रोजाना तकरीबन छह कप कैफीन युक्त कॉफी पीने वाली महिलाओं के मुकाबलें मधुमेह की संभावना २२ प्रतिशत तक कम पाई गई। चिकित्सकीय विश्लेषक एमिली सीनाय का कथन है कि कॉफी पीने से टाइप टू प्रकार का मधुमेह होने की संभावना ३३ प्रतिशत तक कम हो सकती है।