वेड तो ऋषियों द्वारा रचे गये हैं ” हाँ, जो मांसाहार के समर्थक थे, उन्होंने ही उन वेदों में हिंसा का विधा कर दिया है ” सच्चे वेड तो जिनेंद्रदेव के द्वारा कहे हुए चार अनुयोग ही हैं जिनमे सर्वत्र अहिंसा धर्म का ही कथन है “”
इस प्रकार समझाते हुए नारद को उन क्रूरकर्मा याजकों कि आगया से कर्मचारियों ने घेर लिया और हाथों से मुक्कों से मारने लगा ” इसी बीच रावण का दूत उधर आ पहुँचा और उसने नारद कि यह दुर्दशा देखि और जल्दी से जाकर रावण को सूचना दे दी “