(अ) १ से १२ तक भिक्षु प्रतिमा — जो उत्तम संहनन वालों को होती है।
(ब) १३ से २० तक आठ प्रवचन मातृका (५ समिति ३ + गुप्ति पालना )
(स) २१ से २४ तक चार कषाय (क्रोध, मान, माया, लोभ)
(द) २५ राग, २६ द्वेष, २७ मोह के अभावरूप प्रवृत्ति |
९ बार णमोकार मंत्र बोलने में २७ उच्छ्वास होते हैं।
मन ,वचन, काय को कृत, कारित, अनुमोदना, समरंभ, समारंभ