वास्तु का सहज शाब्दिक अर्थ एक ऐसे आवास से हैं जहां के रहवासी सुखी, स्वस्थ एवं समृद्ध हों इसलिये वास्तु विज्ञान में हमारे पूर्वजों ने अपने दिव्य ज्ञान से ऐसे अनेक तथ्यों को शामिल किया है जो कि किसी भी भवन के रहवासियों को शांतिपूर्वक रहने में परम सहायक होते हैं, इन सभी तथ्यों में क्यों और कैसे की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि प्रयोगकर्ता को होने वाले प्रत्यक्ष लाभ भी इसके प्रमाण हैं। ऐसे ही कुछ अत्यंत सरल, प्रभावी एवं सार्थक प्रयोग प्रस्तुत हैं। घर में बनने वाले भोजन में से प्रत्येक प्रकार का थोड़ा थोड़ा पदार्थ एक अलग प्लेट में भोजन बनाने वाली महिला पहले निकालकर हाथ जोड़कर वास्तुदेव को समर्पित करे और फिर घर के अन्य सदस्यों को भोजन कराए (फिर चाहे कोई भी सदस्य कभी भी भोजन क्यों न करें) ऐसा करने से वास्तु देवता उस घर पर सदैव प्रसन्न रहते हैं। बाद में प्लेट में निकाला गया पदार्थ गाय को खिला दें। घर में टूटी फूटी मशीनों को न रखें । जितनी जल्दी हो सके कोई भी टूटी हुई अथवा विद्युत मशीन को चाहे वह छोटी हो अथवा बड़ी घर से बाहर कर देना चाहिए। इनके घर में रहने से मानसिक तनाव तथा शारीरिक व्याधियां उस घर के रहवासियों को घेरती हैं। जिस घर में एक पाए का पटिया (पाटा) रहता है वहां आर्थिक हानि एवं मानसिक तनाव दृष्टिगोचर होते हैं अत: घर में ऐसा एक पाए का पाटा न रखें। घर में कहीं भी झाडू को खड़ी करके नहीं रखना चाहिए। इसी प्रकार उसे न तो ऐसी जगह रखनी चाहिए, जहां उसे पैर लगे या उसे लांघा जाता हो। ऐसा होने पर घर में बरकत नहीं होती है। धनागम के स्त्रोतों में कमी आती है। घर के ईशान क्षेत्र में (उत्तर पूर्वी क्षेत्र में) कोई भी पालतू जानवर न बांधें। कुत्ते, मुर्गे एवं भैसों के संबंध में तो और भी सावधान रहें अन्यथा घर में परेशानियों का अंबार लगा रहेगा। प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा, सीता, अशोक, आंवला, हरशृंगार, अमलतास, निर्गुण्डी इत्यादि में से कम से कम दो पौधे अवश्य होने चाहिए। ये अमन एवं समृद्धिवर्धक हैं। कैक्टस का घर में होना अशांति देता है। घर में नित्य ईश्वर का भजन—पूजन अवश्य होना चाहिए । पूजन करने वाले सदैव पूर्वाभिमुख अथवा उत्तराभिमुख होकर पूजन करें। घर में घी का दीपक अवश्य जलाएं। घर के प्रत्येक कमरे में एक बार प्रकाश जरूर फैलाना चाहिए अर्थात् घर के प्रत्येक कमरे को दिन में भले ही कुछ क्षणों के लिये ही किन्तु प्रकाशित अवश्य ही करना चाहिए।