पद्म सरोवर से गंगा नदी निकलकर पाँच सौ योजन पूर्व की ओर जाती हुई गंगा कूट के २ कोश इधर से दक्षिण की ओर मुड़कर भरत क्षेत्र में २५ योजन पर्वत से (उसे छोड़कर) यहाँ पर सवा छ: योजन विस्तीर्ण, आधा योजन मोटी और आधा योजन ही आयत वृषभकार जिह्विका (नाली) है। इस नाली में प्रविष्ट होकर वह गंगा नदी उत्तम श्रीगृह के ऊपर गिरती हुई गोसींग के आकार होकर १० योजन विस्तार के साथ नीचे गिरती है।