गणिनी
Chief in Aryikas (Digambar Jain female ascetics). There are 24 Ganinis (Chief Aryikas) in all 24 holy assemblies of Tirthankars (Jaina Lords).
जैनाचार्यों के सामान ही आर्यिका का एक प्रमुख पद जो शिष्याओं को शिक्षा-दीक्षा देकर आर्यिका संघ का संचालन करती हैं। मुनियों के सामान आर्यिकाओं के भी २८ मूलगुण होते हैं और वे उपचार से महाव्रती कही जाती हैं . इसी प्रकार आचार्य के सामान गणिनी के भी ३६ मूलगुण होते हैं . गणी शब्द गणधर या आचार्य पद के लिए प्रयुक्त होता है उसी से आर्यिका प्रमुख के लिए गणिनी शब्द बना है . तीर्थंकर के समव्शरण में मुनियों में प्रमुख गणधार व आर्यिकाओं में प्रमुख गणिनी होती हैं . २४ तीर्थंकरों की २४ गणिनी माताओं के नाम क्रमशः-ब्राह्मी , प्रकुब्जा, धर्मार्या, मेरुषेणा ,अनंतमती, रतिषेणा, मीनार्या ,वरूणा, घोशार्या ,धरणा,धारणा , सेनार्या , पद्मा , सर्वश्री ,सुव्रता, हरिषेणा, भाविता, यक्षिला, बन्धुषेणा, पुष्पदंता, मंगिनी , राजीमती (राजुलमती) सुलोचना एवं चंदना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]