श्री ऋषभदेव के समवसरण में, ब्राह्मी-गणिनी मानी हैं। श्री ऋषभदेव की पुत्री ये, साध्वी में प्रमुख बखानी हैं।। रत्नत्रय गुणमणि से भूषित, ये शुभ्र वस्त्र को धारे हैं। इनकी स्तुति वंदन भक्ती, हमको भवदधि से तारे है।।१।।