गर्भ कल्याणक-तीर्थंकर भगवान जब माता के गर्भ में आते हैं तब उनकी माता रात्रि के पिछले प्रहर में १६ स्वप्न देखती हैं और स्वर्ग से इन्द्र – देवता आकर महोत्सव मनाते हैं , उसी को गर्भकल्याणक कहते हैं ।