नींबू का इस्तेमाल हम हजारों वर्षों से करते आ रहे हैं। इसके गुणों को देखकर चिकित्सक भी हैरान हैं । यह बेहद सस्ता और सेहतमंद है। दरअसल यह गुणों की खान है। सेहत बनाने के साथ—साथ यह सौंदर्यवद्र्धक भी है। नींबूओं में कागजी नींबू सर्वोत्तम माना जाता है, लेकिन अगर कागजी नींबू न मिले तो साधारण नींबू को उपयोग में लाया जा सकता है। याद रखें, नींबू का रस गरमी में अधिक और बारिश के दिनों में कम उपयोग में लाएं। औषधीय कारणों से कागजी नींबू सबसे अच्छा होता है। नींबू के रस से अगर पनीर बनाया जाए तो वह अधिक पौष्टिक होगा। आयुर्वेद में नींबू के गुणों के कई उल्लेख मिलते हैं। नींबू के इस्तेमाल से सबसे पहले गुर्दा प्रभावित होता है। वैसे पपीता, जामुन और मुनक्का भी गुर्दे के लिए फायदेमंद है। मीठे दूध में आधा नींबू निचोड़कर उस दूध को तुरंत पी लें। इससे पाचन में सुधार होगा। नींबू की शिकंजी पीने से पीलिया रोग से मुक्ति पाने में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से कुछ ही दिनों में आप पीलिया से पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं। पुरानी खांसी की हालत में नींबू के रस का फायदा होता है। इसके सेवन से कफ बाहर निकलता है। यदि आप कफ से परेशान हैं तो नींबू को औषधि के रूप में सेवन कुछ इस प्रकार कर सकते हैं । नींबू को कपड़े में लपेटें और इसके बाद उसे गुंथे हुए आटे में लपेट दें। अब उसे कुछ देर के लिए गरम कोयले या किसी गर्म सतह पर रखें । इसके पश्चात नींबू को गरम अवस्था में ही रहने दें और उसका रस निचोड़ ले। नींबू के गर्म रस को दिन में तीन बार चाटें, लेकिन यह ध्यान रहे कि जब भी आप इसका प्रयोग करें तो यह गर्म रहे। बुखार की स्थिति में भी नींबू का चमत्कारिक असर होता है, लेकिन बुखार की स्थिति में ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि नींबू पूरी तरह पके हुए हों। कच्चे नींबू घातक हो सकते हैं। ऊपर बताई गई विधि के अनुसार नींबू को गर्म कर ले या फिर रस निकालने से पहले उसे हाट केस में थोड़ी देर के लिए रखें या फिर लेमोनेड बनाने के लिए गरम पानी का प्रयोग करें। पानी जब थोड़ा गर्म हो जाए तो शक्कर मिलाएं। नींबू की अम्लीयता से प्यास बुझती है। नींबू का रस पूरे शरीर की सफाई करता है। इससे पेट के कीड़ों का भी नाश होता है। आयुर्वेद इस बात की पुष्टि करता है कि नींबू वायु और पित्त शामक है। सर्दी में यह असरकारक है और इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी है। प्रतिदिन अगर दांतों पर एक चम्मच नींबू के रस में गुलाब जल और आधा चम्मच नमक मिलाकर मालिश की जाए तो दांतों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। नींबू के छिलके को बाद में भी उपयोग में लाया जा सकता है। नींबू के सूखे हुए छिलकों को बारीक पीस लें। इसमें लौंग तेल और सैंधा नमक मिलाकर दांतों की सफाई के लिए पाउडर बनाकर इससे प्रतिदिन दांतों एवं मसूड़ों की मालिश करें। गर्म पानी और नींबू अगर सुबह के समय खाली पेट पिया जाए तो वजन कम होता है। ठंडा पानी शहद और नींबू अगर शाम के समय पिया जाए तो वजन बढ़ता है। नींबू के रस से खोपड़ी की मालिश करने से सिर की रूसी खत्म हो जाती है। नींबू को बीच से आधा कांटे। अब नींबू से कटे हुए हिस्से को ऊपर की तरफ रखते हुए नानस्टिक तवे या प्रइंग पैन पर रखे। तवे को गर्म होकर लाल होने दे। कटे हुए नींबू में चीनी मिलाएं और उसे पिघालने दें। अब इस गर्म नींबू को कील मुहासों पर लगाएं। कुछ ही दिनों बाद कील मुहांसे गायब हो जाएंगे। नींबू के टुकड़े पर शक्कर मिलाकर हाथ पैर पर मालिश करने से त्वचा मुलायम होती है और उसके रंग में निखार आता है। चेहरे पर इसे न लगाएं। नहाने के पानी में एक नींबू का रस मिलाएं। नींबू का रस और गुलाब जल एक बढ़िया फेस पैक प्रमाणित किया जा चुका है। बेसन में गुलाब जल और नींबू मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के बाल समाप्त हो जाते हैं। नींबू के बचे हुए छिलके नाखून पर लगाने से नाखून मजबूत और चमकदार होते हैं। इस तरह हम देखते है कि नींबू हमारे लिए कितना उपयोगी है।