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गुरुओं की भक्ति से सब सुख मिलते हैं!
June 13, 2020
भजन
jambudweep
गुरुओं की भक्ति
गुरुओं की भक्ति से सब सुख मिलते हैं।
गुरुओं की शक्ति से सब दुख टलते हैं।।
सारी उमर क्योंकी तप ये करते हैं।।गुरुओं की.।।टेक.।।
हीरालाल जी ने एक बार सुन लिया।
शांतिसागर मुनि जी का नाम सुन लिया।।
फिर वे इक मित्र के संग घर से चलते हैं।
चलकर कोन्नूर में ये मुनि से मिलते हैं।।
उनसे निज मन की शंका दूर करते हैं।।गुरुओं की.।।१।।
बोले वे इस कलि युग में नहिं मुनि हो सकते हैं।
आपको भी हम वैसे मुनिवर कह सकते हैं।।
क्योंकि मुनि ऋद्धि सिद्धि सुख को वरते हैं।।गुरुओं की.।।२।।
शांतिसिन्धु ने उनको युक्ति से समझाया था।
‘चन्दनामती’ मुनिपद की महिमा को बतलाया था।।
दोनों ही मित्र गुरु के पद में झुकते हैं।।गुरुओं की.।।३।।
कुछ दिन में ही दोनों ने दीक्षा धारण कर ली।
क्षुल्लक एवं मुनि बनकर गुरुशिक्षा पालन कर ली।।
वीरसागर व चन्द्रसागर बनते हैं।।गुरुओं की.।।४।।
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