गुरुस्थानाभ्युपगमन क्रिया
An auspicious activity related to entrusting the responsibility of saint group to an able saint performed by the head Acharya (spiritual teacher) of the group.
गर्भान्वय की ५३ क्रियाओं में एक क्रिया; प्रसन्नतापूर्वक शिष्य को योग्य समझकर गुरु अपने संह के आधिपत्य का गुरुपद प्रदान करें, तो उसे विनयपूर्वक स्वीकार करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]