तर्ज-सत्यं शिवं सुन्दरम्………
गुरु ही सत्य है, गुरु ही मंदिर है, गुरु ही ब्रह्म है,
इस संसार में देखो, गुरु ही तारन तरन हैं।
वन्दे वन्दे मातरम्, आ…….
चरणों में शत शत नमन…….है नमन-२, आ…….
वन्दे वन्दे मातरम्………….मातरम्-२।।
गुरु ही………..।।टेक.।। छोटेलाल जी……………
छोटेलाल जी, मोहिनि माँ से, टिकैतनगर में
जन्मीं त्याग लिया गुरु सम्बोधन से……….
त्याग लिया गुरु सम्बोधन से, शिवपथ पर
तुम चल दीं गुरुभक्ति अर्जुन के सम…….
वन्दे वन्दे मातरम्………मातरम्-२, आ…….
चरणों में शत-शत नमन।।१।।
माधुरि से बन……….. माधुरि से बन, मात चन्दना,
ज्ञानसुरभि फैलाया श्रावण सुदि ग्यारस शुभ तिथि में,
श्रावण सुदि ग्यारस शुभ तिथि में, आर्यिका
दीक्षा पाया वात्सल्य रत्नाकरं………….
वन्दे वन्दे मातरम्………।।२।।
जिनसंस्कृति की………… जिनसंस्कृति की, रक्षा में रत,
आगमयुत कृति रचना युग युग तक जयशील रहो तुम……….
युग युग तक जयशील रहो तुम, ‘इन्दु’ मुक्ति
तुम संग माँ प्रज्ञाश्रमणि अर्चनम्………..
वन्दे वन्दे मातरम्………।।३।।