लैपटाप कंप्यूटर को लैपटाप नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसे गोद में रखकर प्रयोग किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लैपटाप कंप्यूटरों को गोद में रखकर काम नहीं करना चाहिए क्योंकि इनसे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जो पुरूष लैपटाप को गोद में रखकर प्रयोग करते हैं, वे अपनी प्रजनन क्षमता को खतरे में डालते हैं। इसकी वजह लैपटाप कंप्यूटर से निकलने वाली ऊष्मा और शरीर की वह मुद्रा है जिसमें बैठकर इसका प्रयोग किया जाता है। वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि जनन अंगों का तापमान बढ़ने का दुष्प्रभाव वीर्य के उत्पादन और उसकी संरचना पर पड़ता है। जनन अंगों का तापमान १ डिग्री सेल्सियस बढ़ने पर वीर्य की सांद्रता ४० प्रतिशत कम हो जाती है जबकि लैपटाप का तापमान इससे कहीं ज्यादा होता है। यदि कोई व्यक्ति १५ मिनट के लिए भी लैपटाप को गोद में रखकर प्रयोग करता है तो जनन अंगों का तापमान १ डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है । एक घंटे तक लैपटाप का प्रयोग करने पर इसके अंदर का तापमान ३१ से ४० डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसके कारण जनन अंगों के तापमान में वृद्धि होती है और वह २.८ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यह तापमान पुरूषों की प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है।