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गोम्मटगिरि के बाबा तेरा रूप निराला!
June 12, 2020
भजन
jambudweep
गोम्मटगिरि के बाबा
तर्ज-रोम रोम…………………….
गोम्मटगिरि के बाबा तेरा रूप निराला।
हाँ रूप निराला…. दक्षिण भारत की प्रतिमा सा दिखता यहीं नजारा।।गोम्मटगिरि.।।टेक.।।
तीर्थंकर श्री ऋषभदेव के पुत्र बाहुबलि कहलाए।
अपनी त्याग तपस्या से भगवान की श्रेणी में आए।।
चक्रवर्ती का चक्र प्राप्तकर नहीं उसे स्वीकारा। गोम्मटगिरि के बाबा………………।।१।।
प्रान्त मालवा मध्यप्रदेश इंदौर शहर का भाग्य खिला।
बाहुबली की प्रतिमा से गोम्मटगिरि का सौभाग्य खिला।।
ऋषि मुनियों की पद रज से वह तीर्थ बना अति प्यारा। गोम्मटगिरि के बाबा………………।।२।।
दशवर्षीय प्रथम उत्सव कुछ नई क्रान्ति लेकर आया।
गणिनी माता ज्ञानमती जी की पावन सन्निधि छाया।।
विश्वधर्म के आदर्शों का गूँजा था फिर नारा। गोम्मटगिरि के बाबा………………।।३।।
आओ हम सब मिलकर जग में मैत्री का संदेश भरें।
जन जन में ‘‘चंदनामती’’ आपसी प्रेम सद्भाव भरें।।
बाहुबली के आदर्शों से परिचित हो जग सारा। गोम्मटगिरि के बाबा………………।।४।।
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