प्रश्न-१ – चैत्यभक्ति के रचयिता कौन है ? उत्तर – चैत्य भक्ति के रचयिता श्री गौतम स्वामी गणधर देव है “ प्रश्न-२- किसको प्रत्यक्ष करके गौतम स्वामी ने स्तुति की ? उत्तर – महावीर स्वामी को प्रत्यक्ष करके गौतम स्वामी ने स्तुति की “ प्रश्न-३- कौनसा धर्म जयवंत हो ? उत्तर – उत्तम क्षमादि लक्षण धर्म जयवंत हो “ प्रश्न-4कुमार्ग कौन -कौन से हैं ? ? उतर -मिथ्यादर्शन -मिथ्याज्ञान -मिथ्याचारित्र प्रश्न-५ तीन प्रकार के वचनरूप अमृत क्या हैं ? उतर -उत्पाद ,व्यय ध्रौव्य अथवा अंग ,पूर्व ,अंगबाह्य प्रश्न-६ सप्तभंगों के नाम कौनसे हैं ? उतर -१. स्यादस्ति २. स्यान्नास्ति ३. स्यादस्तिनास्ति ४. स्यादवक्तव्य ५. स्यादस्तिअवक्तव्य ६. स्यान्नास्ति अवक्तव्य 7. स्यादस्ति नास्ति अवक्तव्य प्रश्न-7 सम्पूर्ण जगत के द्वारा वंदनीय कौन हैं ? उतर -सम्पूर्ण जगत के द्वारा परमेष्ठी वंदनीय हैं “ अरिहंत ,सिद्ध ,आचार्य ,उपाध्याय और साधु
प्रश्न-८ जिनेन्द्र वचन को अद्वितीय ज्योति क्यों कहा है ? ? उतर -जिनेन्द्र भगवान के वचन मिथ्याज्ञान रूप अंधकार से आच्छादित लोक का प्रकाशक होने से अद्वितीय ज्योति हैं “ प्रश्न-९ जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमाएँ कहाँ कहाँ हैं ? ? उतर -जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमाएँ भवनवासी देवों ,कल्पवासी देवों ,ज्योतिष्क देवों ,और व्यंतर देवों के विमानों में तथा मनुष्य लोक में हैं प्रश्न-10संसार रूपी अग्नि की शांति के लिए किसकी वन्दना करनी चाहिएऔर गौतम स्वामी ने किसकी वन्दना की ? उतर -जिनका संसार परिभ्रमण विनष्ट हो चुका हैं ,तीनभुवन के स्वामी; देवेन्द्र नरेन्द्र ,और धरणेन्द्र व्दारा पूज्य ऐसे तीर्थंकरों के आलय मन्दिर की पंक्तियों की वन्दना करनी चाहिए और गौतम स्वामी ने चैत्य भक्ति में जिनेन्द्र भगवान के चैत्यालयों को नमस्कार किया हैं ”
प्रश्न-11गौतम स्वामी के अनुसार वन्दना करने योग्य देवता कितने हैं नाम बताओं ? उतर -गौतम स्वामी के अनुसार वन्दना करने योग्य देवता नौ हैं अरिहंत ,सिद्ध ,आचार्य ,उपाध्याय ; साधु,जिनधर्म, जिनागम ,जिनचैत्य और जिन चैत्यालय ” प्रश्न-१२ प्रतिमा गृहों में विराजमान प्रतिमायें कैसी हैं ? उतर -प्रतिमा गृहों में विराजमान प्रतिमायें आयुध विकार आभूषणों से रहित अपने ही स्वभाव में स्थित हैं तथा कांति में अतुल्य हैं