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घड़ियाँ सुहानी आई रे!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
घडियाँ सुहानी आई रे….घड़ियाँ।
श्री जिनवर का समवसरण, आज करूँ मैं अभिनंदन, बात यही मन भाई रे….। घड़ियाँ, घड़ियाँ………।।टेक.।।
नहीं कल्पवृक्षों के फूल मेरे पास। हो ओ ओ……
केवल भक्ति सुमनों से पूजा करूँ नाथ।।हो ओ……..
स्वागत का भाव ले, वंदन का चाव ले, जनता उमड़ आई रे….घड़ियाँ।।१।।
मणियों का दीप प्रभु लाऊँ मैं कहाँ से।।हो ओ…..
कंचन का थाल भी सजाऊँ मैं कहाँ से।।हो ओ….
माटी का दीप ले, बाती की प्रीति ले, आरति सजाई रे….घड़ियाँ।।२।।
समवशरण में दिव्यध्वनि हम सुनेंगे।।हो ओ……
‘‘चंदनामती’’ प्रभु को वंदन करेंगे।। हो ओ……
आपस में प्रेम हो, जग भर में क्षेम हो, यही बात मन भाई रे….घड़ियाँ।।३।।
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