१. यह व्याधि पित्त की विकृति के कारण होती है। दो छुहारे मसलकर गाय के दूध में डालकर पकाकर सोते समय रोज सेवन करें। एक नींबू का रस , बदाम रोगन, ग्लिसरीन तीनों बराबर मात्रा में लेकर शीशी में भर लें। प्रात: सांय अच्छी तरह हिला कर चेहरे पर लगायें। चेहरे की कील झाँइयाँ , मुँहासे दूर होकर चेहरा गोरा और कांतिमान बनता है।
२.हल्दी और फिटकरी पानी में पीसकर रात में चेहरे पर लगायें और सुबह गरम पानी से धो लें। चेहरे पर कांति आ जायेगी।
३.तुलसी के पत्ते पानी में पीसकर लगाने से चेहरे की झाँई समाप्त होती है।
४.घृतकुमारी का गूदा और हल्दी मिलाकर पेस्ट बनाएं। रात में फेसपैक करें सुबह गरम पानी से धो लें। इनमें से किसी भी लेप का प्रयोग लाभ न होने तक करें।
बवासीर के मस्से
१.हल्दी के चूर्ण में थूहर (सेहड़) का इतना दूध डालें कि चूर्ण भीग जाए। एक दिन का डाला चूर्ण जब सूख जाए तब दुबारा डालें। इस चूर्ण को सुखाकर रख लें। थोड़ा सा यह चूर्ण लेकर बवासीर के मस्सों पर २-४ दिन लेप करने से मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।
२. खूनी बवासीर हो तो २० ग्राम किशमिश और ५ ग्राम सौंफ रात में भिगों दें, सुबह पीसकर खाली पेट पियें। १—२ घण्टे कुछ खाएं नहीं। भोजन के बाद अभयारिष्ट २० मि.ली. और कुमार्यासव २० मि.ली. मिलाकर बराबर जल के साथ सेवन करें। बहुत जल्द खूनी बवासीर से छुटकारा मिल जायेगा।
३. बबूल की कच्ची फलियों को छाया में सुखा लें और पीसकर रख लें। १—१ चम्मच यह चूर्ण १—१ कप गाय के दूध से दिन में दो बार खाली पेट सेवन करें।