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अयोध्या
चलो सब मिल पूजन कर लो!
June 12, 2020
भजन
jambudweep
चलो सब मिल पूजन
तर्ज-चलो सम्मेदशिखर……..
चलो सब मिल पूजन कर लो,
कल्पद्रुम की पूजा कर लो कल्पद्रुम से मनवांछित फल की प्राप्ती कर लो।।चलो.।।टेक.।।
तीर्थंकर के समवसरण का, दृश्य सुहाना है
दिव्यध्वनि सुन, जनम मरण का दु:ख मिटाना है।।
दिव्य उपदेश पान कर लो, सुन्दर समवसरण की प्रतिकृति, का दर्शन कर लो।।चलो.।।१।।
ऋषभदेव से महावीर तक, चौबिस जिनवर हैं।
उन सबकी पूजा करने का, अद्भुत अवसर है।।
वही अवसर स्वर्णिम कर लो, एक साथ चौबिस कल्पद्रुम, का दर्शन कर लो।।चलो.।।२।।
चक्रवर्ति सम्राट्, कल्पद्रुम पूजन करते हैं।
दान किमिच्छक देकर सबकी, झोली भरते हैं।।
दान तुम भी वितरित कर लो, भोजन, औषध, शास्त्र, अभय, ये चार दान कर लो।।चलो.।।३।।
गणिनी माता ज्ञानमती ने, जब से पाठ लिखा।
इस कलिकाल में तब से ही, भक्ती का ठाठ दिखा।।
भक्तिरस का आनंद भर लो, संगीतों की स्वर लहरी में, नृत्यगान कर लो।।चलो.।।४।।
मुंहमांगा फल देने वाला, कल्पवृक्ष यह है।
सब रोगों को हरने वाला, परमामृत यह है।।
इसी में अवगाहन कर लो, चक्रवर्ति बन करके ‘‘चन्दनामती’’ पुण्य भर लो।।चलो.।।५।।
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