तर्ज-चलो मिल सब……………..
चलो सब मिल यात्रा कर लो, तीर्थयात्रा का फल वर लो।
चौबिस तीर्थंकर की सोलह, जन्मभूमि नम लो।। चलो.।।
ऋषभ अजित अभिनंदन सुमती अरु अनंत जिनवर।
नगरि अयोध्या में जन्मे जो तीरथ है शाश्वत।।
अयोध्या को वंदन कर लो, ऋषभदेव की
जन्मभूमि का रूप नया लख लो।। चलो.।।१।।
श्रावस्ती में संभव कौशाम्बी में पद्मप्रभू।
वाराणसि में श्री सुपार्श्व पारस प्रभु को वंदूँ।।
चन्द्रपुरि तीरथ को नम लो, जहाँ चन्द्रप्रभु जी
जन्मे वह रज सिर पर धर लो।।चलो.।।२।।
पुष्पदन्त काकन्दी शीतल भद्दिलपुर जन्मे।
श्री श्रेयांसनाथ तीर्थंकर सिंहपुरी जन्मे।।
तीर्थ चम्पापुर को नम लो, वासुपूज्य की
पंचकल्याणक भूमि इसे समझो।।चलो.।।३।।
कम्पिल जी में विमलनाथ, प्रभु धर्म रतनपुरि में।
हस्तिनापुर में शांति कुंथु अर, तीर्थंकर जन्मे।।
चलो मिथिलापुरि को नम लो मल्लिनाथ नमिनाथ
जन्मभूमि वंदन कर लो।। चलो.।।४।।
राजगृही में मुनिसुव्रत नेमी शौरीपुर में।
कुण्डलपुर में चौबिसवें महावीर प्रभू जन्मे।।
तीर्थ से भवसागर तिर लो, जिनवर जन्मभूमि
दर्शन कर जन्म सफल कर लो।। चलो.।।५।।
गणिनी ज्ञानमती जी की, प्रेरणा मिली भक्तों।
सभी जन्मभूमी जिनवर की, जल्दी विकसित हों।।
पुण्य का कोष सभी भर लो, तीर्थ वंदना से ही
‘‘चन्दनामती’’ सिद्धि वर लो।। चलो.।।६।