Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
चौरासी लाख योनि भ्रमण निवारण स्तुति
January 11, 2018
स्तुति
jambudweep
मेरी अन्तर्भावना
(चौरासी लाख योनि भ्रमण निवारण स्तुति)
चौरासी लाख योनि भ्रमण निवारण व्रत करने वाले महानुभाव इस स्तुति को अवश्य पढ़े-
-आर्यिका
चन्दनामती
तर्ज-सन्त साधु बनके बिचरूँ………
मनुज तन से मोक्ष जाने की घड़ी कब आएगी हे प्रभो!
पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।टेक.।।
जैसे सागर में रतन का एक कण गिर जावे यदि।
खोजने पर भी है दुर्लभ वह भी मिल जावे यदि।।
किन्तु भव सागर में गिर आत्मा नहीं तिर पाएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।१।।
कहते हैं चौरासि लख योनी में काल अनादि से।
जीव भ्रमता रहता है चारों गति पर्याय में।।
एक बस मानुष गति शिव सौख्य को दिलवाएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।२।।
एक इन्द्रिय की बयालिस लाख योनी मानी हैं।
नित्य-इतर निगोद-पृथ्वी-अग्नि-जल और वायु हि हैं।।
इनमें जाकर के कभी नहिं देशना मिल पाएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।३।।
वनस्पतिकायिक की भी दस लाख योनि कहीं गई।
ये सभी मिथ्यात्व बल से योनियाँ मिलती रहीं।।
इनमें ना जाऊँ यदि सम्यक्त्व बुद्धि आएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।४।।
दो व त्रय-चउ इन्द्रिय जीव की योनि दो-दो लाख हैं।
विकलत्रय की कुल मिलाकर योनियाँ छह लाख हैं।
इनमें भी नहिं इन्द्रियों की पूर्णता मिल पाएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।५।।
देव-नारकि-पशु की चउ चउ लक्ष मानी योनियाँ।
इन्हीं द्वादशलक्ष योनी में भटकता ही रहा।।
इन सभी में दुख सहन कर भी न बुद्धि आएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।६।।
मनुज की पर्याय चौदह लाख योनि वाली है।
शास्त्रों में चौरासी लख ये योनियाँ सब मानी हैं।।
नष्ट इनको करने की अब युक्ति कब मन आएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।७।।
एक इन्द्रिय से सुदुर्लभ पाना त्रसपर्याय है।
उससे भी दुर्लभ है पाना मनुष की पर्याय है।।
उसमें सम्यक्दर्श संयम की प्राप्ति कब हो पाएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।८।।
गणिनी माता
ज्ञानमती
की दिव्यशक्ति देखके।
‘‘
चन्दनामती
’’ उनकी पावन आत्मशक्ति देखके।।
मन में चिंतन आया मुझमें भी शक्ति कब यह आएगी।
हे प्रभो! पर्याय मेरी कब सफल हो पाएगी।।९।।
Tags:
Stuti
Previous post
उपसर्गविजयि श्रीपार्श्वनाथ जिनस्तुति:
Next post
मातृ प्रार्थना
Related Articles
श्री ऋषभदेव स्तुति:
September 27, 2022
jambudweep
मुनिसुव्रतनाथ भगवान की स्तुति
February 20, 2023
jambudweep
शांति भक्ति (हिन्दी)
November 29, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!