छक्कुलसेला सव्वे विजयड्ढा होंति तीस चउजुत्ता। सोलस वक्खारगिरी वारणदंताइ चत्तारो१।।२३९४।। ६। ३४। १६। ४। तह अट्ठ दिग्गइंदा णाभिगिरिंदा हवंति चत्तारि। चोत्तीस वसहसेला कंचणसेला सयाण दुवे।।२३९५।। ८। ४। ३४। २००। एक्को य मेरु कूडा पंचसया अट्ठसट्ठिअब्भहिया। सत्त च्चिय महविजया चोत्तीस हवंति कम्मभूमीओ।।२३९६।। १। ५६८। ७। ३४। सत्तरि अब्भहियसयं मेच्छखिदी छच्च भोगभूमीओ। चत्तारि जमलसेला जंबूदीवे समुद्दिट्ठा।।२३९७।।
जम्बूद्वीप में सब कुलपर्वत छह, विजयाद्र्ध चौंतीस, वक्षारगिरि सोलह और गजदन्त चार हैं।।२३९४।। कुलशैल ६। विजयार्ध ३४। वक्षारगिरि १६। गजदन्त पर्वत ४। दिग्गजेन्द्र पर्वत आठ, नाभिगिरीन्द्र चार, वृषभशैल चौंतीस तथा कांचनशैल दो सौ हैं।।२३९५।। दिग्गजेन्द्र ८। नाभिगिरि ४। वृषभशैल ३४। कांचनशैल २००। कुल मिलाकर—१ ± ६ ± ३४ ± १६ ± ४ ± ८ ± ४ ± ३४ ± २०० ± ४ · ३११ एक मेरु, पाँच सौ अड़सठ कूट, सात महाक्षेत्र और चौंतीस कर्मभूमियाँ हैं।।२३९६।। मेरु १। कूट ५६८। महाक्षेत्र ७। कर्मभूमियाँ ३४। जम्बूद्वीप में एक सौ सत्तर म्लेच्छखण्ड, छह भोगभूमियाँ और चार यमकशैल बतलाये गये हैं।।२३९७।।