जन्म कल्याणक –तीर्थंकर भगवान के जन्म के समय सौधर्म इन्द्र अपने परिवार के साथ मध्य लोक आकर सुमेरु पर्वत की पांडुक शिला पर तीर्थंकर शिशु का जन्माभिषेक करके महोत्सव मनाते हैं ” उसी अवस्था का नाम है- जन्म कल्याणक ।