दोस्तों सबसे पहले साँपो के बारे में एक महत्वपूर्ण बात जान लीजिये कि अपने देश भारत में ५५० किस्म के साँप है। जैसे कोबरा, वीपर, करैता इनमें से मुश्किल से १० साँप है जो जहरीले है, बाकी सब विष विहीन जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा! लेकिन साँप के काटने का डर इतना है कि कई बार आदमी हार्ट अटैक से मर जाता है, सबसे जहरीला साँप रुसेल वीपर है, उसके बाद है करैत, वीपर और कोबरा किंग जिसको हम लोग काला नाग कहते हैं, ये ४ तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमें से किसी ने काट लिया तो ९९ज्ञ् की मृत्यु होगी, लेकिन थोड़ी होशियारी से आप रोगी को अवश्य बचा सकते हैं।
होशियारी क्या दिखानी है ?
साँप जब भी काटता है तो उसके जहर वाले दो दाँत शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं और खून में वो अपना जहर छोड़ देते है, फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है! मान लीजिए हाथ पर साँप ने काट लिया तो जहर दिल की तरफ जाएगा और फिर पूरे शरीर में पहुंचेगा, कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा और शरीर में उसे पहुँचने में ३ घंटे लगेंगे, मतलब ये कि रोगी ३ घंटे तक नहीं मरेगा, जब पूरे दिमाग के एक—एक हिस्से में बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी मृत्यु होगी यानि ३ घंटे का समय है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे में अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है!
क्या कर सकते हैं ?
घर में कोई पुरानी सुई हो तो उसे ले और आगे जहां सुई लगी होती है वहाँ से काटे! सुई जिस प्लास्टिक में फिट होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे प्लास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो सुई एक पाईप की तरह हो जाएगा. बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनों में बच्चों की पिचकारी होती है। उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे, बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे! अब आपको सुई लेनी है और उन दो निशान में से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान पर सुई रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमें वैक्यूम क्रिएट हो जाएगा और आप खींचेगे तो खून उस सूई में भर जाएगा, बिलकुल वैसे ही जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं, आप सूई से खींचते रहिए और आप पहली बार निकालेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का काना या डार्क होगा, तो समझ लीजिये उसमें जहर मिक्स हो गया है, जब तक वो ब्लैकिश रंग का ब्लड निकलता रहे आप खींचीये, दो तीन बार में पूरा जहर बाहर आ जाएगा और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी में कुछ बदलाव आ रहा है थोड़ी चेतना आ जाएगी। साँप काटने से व्यक्ति अचेत हो जाता है या अद्र्ध अचैत हो जाता है और जहर को बाहर खींचने से चेतना आ जाती है, चेतना आ गई तो वो मरेगा नहीं, इसी सूई को आप बीच से कट कर दीजिये यानि आधा इधर—आधा उधर तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और जल्दी से उसमें भरेगा! दूसरा एक दवा आप चाहें तो हमेशा अपने घर में रख सकते हैं बहुत सस्ती है हेमियोपैथी में आती है! उसका नाम है नाजा. किसी भी होमियोपैथी दवा की दुकान पर मिल जाएगी और इसकी पोटेन्सी है २००, आप दुकान पर जाकर नाजा—२०० मांगे दुकानदार दे देगा, ये ५ मिलीलीटर आप घर में खरीद कर रख लीजिए १०० लोगो की जान इससे बच जाएगी और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रूपए है, इसकी बोतल भी आती है १०० एमएल की ७० से ८० रूपये की उससे आप कम से कम १०००० लोगों की जान बचा सकते हैं जिनकों साँप ने काटा है, नाजा दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही जहर है जिसको कहते हैं व्रैक! इस साँप का जहर दुनिया में सबसे खराब माना जाता है! इसके बारे में कहते हैं अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही बचा सकता है! दवा भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये जहर है लेकिन डेलूशन फार्म में है, आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते हैं , आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते हैं लोहा, लोहे को काटता है तो जब शरीर में जहर चला जाता है तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है, १ बूंद उसकी जीभ पर रखे और १० मिनट बाद फिर १ बूंद रखें और फिर १० मिनट बाद फिर १ बूंद रखें, ३ बार डाल के छोड़ दीजिये! बस इतना काफी है! ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा—हमेशा के लिए बचा लेगी और साँप काटने के एलोपेथी में जो सूई है वो आम अस्पतालों में नहीं मिल पाते ! एलोपेथी वालों के पास जो सूई है इसकी कीमत १० से १५ हजार रूपए है और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ ८—१० सूई ठीक देता है, कभी—कभी १५ तक ठीक देता है मतलब लाख—डेढ लाख तो आपका एक बार में साफ और यहाँ सिर्फ १० रुपये की दवा से आप उसकी जान बचा सकते हैं। सूई जितना ही इफेक्टिव है ये दवा एलोपेथी की सुई से १०० गुना ज्यादा प्रभावी है तो आप याद रखिए घर में किसी को साँप काटे और अगर दवा घर में न हो! फटाफट कहीं से सुई लेकर प्राथमिक सहायता के लिए उपाय शुरू करे और अगर दवा है तो फटाफट पहले दवा पिला दें और उधर से सूई वाला उपचार भी करते रहे! दवा सूई वाले उपचार से ज्यादा जरूरी है।
विश्व स्नेह समाज एक रचनात्मक क्रान्ति,१० अगस्त २०१४