जयचंद छाबड़ा
A great personality who wrote commentaries on many books like ‘Prameyratnamala’ etc.
एक विद वान जिन्होंने सर्वार्थसिद्धि (वि. १८६१) , प्रमेयरत्नमाला (वि. १८६३) , द्रव्य संग्रह (वि. १८६३) आदि ग्रंथों पर वचनिकाएं लिखीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]