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जय जय श्री वीर जिन, हम जपें रात दिन, तेरी माला!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
जय जय श्री वीर
तर्ज—तुमसे लागी लगन……
जय जय श्री वीर जिन, हम जपें रात दिन,
तेरी माला, शांत हो जिससे कर्मों की ज्वाला।।टेक.।।
एक मेंढक ने भी भक्ति करके।
देवपद पाया निज शक्ति करके।।
उसकी श्रद्धा जगी, वीर से लौ लगी,
पाप टाला, शांत हो जिससे कर्मों की ज्वाला।।१।।
राजा श्रेणिक ने तेरी शरण ले।
नरक की आयु भी कम की अपने।।
क्षायिक सम्यक्त्व से, भावी जिनवर बने,
भव सुधारा, शांत हो जिससे कर्मों की ज्वाला।।२।।
चन्दना की कटी बेड़ियाँ थीं।
तुमको आहार दे धन्य वो थी।।
प्रमुख गणिनी बनी, सबकी जननी बनी,
एक बाला, शान्त हो जिससे कर्मों की ज्वाला।।३।।
आज भी शक्ति प्रभु भक्ति में है।
‘‘चन्दनामती” यही सत्य जग में।।
मुझको भी ज्ञान दो, आत्मविज्ञान दो,
हो उजाला, शान्त हो जिससे कर्मों की ज्वाला।।४।।
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