भारत भूमि पर जल का अकूत भण्डार है और हमारी नित्य प्रति की व्यवस्था या यों कहें कि हमारा सम्पूर्ण जीवन ही जल पर आधारित है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कहा भी गया है ‘जल ही जीवन है।’ आइए इसके वैज्ञानिक एवं औषधीय गुणों के बारे में भी कुछ विचार करें:— शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में जल का अति महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए तेज बुखार में कोई दवा न देकर रोगी को स्नान कराया जाता है। तेज बुखार की अवस्था में कभी भी दवा न दें। पहले स्नान कराकर या सिर पर ठंडे जल की पट्टी रखकर बुखार को कुछ हल्का कर लें, फिर उपचार करें। गर्म जल लेने से भी बुखार उतर जाता है। शरीर के कुल वजन का ७५ प्रतिशत भाग जल ही होता है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने शरीर के जल संतुलन को बनाये रखें। इसके लिए उचित यह होगा कि आप ५—६ लि. जल हमेशा प्रतिदिन के हिसाब से लेते रहें। प्राय: देखा गया है कि शरीर के निर्जलीकरण की अवस्था में डॉक्टरों द्वारा नमक और ग्लूकोज मिश्रित जल ही रोगी के शरीर में नसों द्वारा प्रविष्ट कराया जाता है। दस्त की शिकायत होने पर ठंडे जल की एक दो गिलास मात्रा लेने पर लाभ मिलता है। दस्त की अतिशयता छोटे बच्चों में होने पर गुदा मार्ग से जल के अवयद के रूप में बर्फ के छोटे टुकड़े को प्रविष्ट करा देने पर दस्त बंद हो जाता है, अत: दस्त की अवस्था में कभी जल लेना बंद न करें। जल निरंतर लेते रहें। भोजन का पाचन जल के अभाव में सुचारू रूप से नहीं हो पाता, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि भोजन करने से एक घंटे पूर्व एक गिलास जल लें तथा भोजन करते वक्त जल बिल्कुल ही न लें। यदि बहुत ही जरूरी हो जाय तो एक दो घूंट जल से काम चला लें तथा भोजन के एक घंटे पश्चात् एक लीटर जल लें। इससे भोजन का पाचन सुव्यवस्थित ढंग से होगा तथा कब्ज की शिकायत नहीं होगी। शरीर के किसी भी भाग में सूजन हो जाने पर नमकीन गर्म जल से धोने पर सूजन का शमन हो जाता है। शरीर में सूखी खुजली की शिकायत होने पर गर्म जल में फिटकरी मिलाकर स्नान करने से खुजली दूर हो जाती है। चेहरे पर दाग या धब्बा, छाई होने पर गुलाब पुष्प की दो चार पंखुड़ियों को गर्म जल में डाल कर नित्य चेहरा धोने से चेहरा एक दो सप्ताह में ही साफ और सुन्दर हो जाता है। चेहरे पर गांठ या सफेद दाग होने पर गर्म जल की भाप को लेकर चेहरे की सिकाई करने और उसके बाद रात को घर के छत के ऊपर रखी गई रूई और उसमें एकत्रित ओस के बूंद लगाने से इन शिकायतों से निजात पाई जा सकती है। शरीर में दर्द की शिकायत हाथ, पांव आदि अंगों में होने पर जल में मैग सल्फ मिलाकर गर्म करके अंगों को धोने से दर्द से छुटकारा मिल जाता है। गैस्ट्रिक जैसी भयावह बीमारी जिससे प्राय:८० प्रतिशत जनता परेशान रहती है, केवल गर्म जल पीने मात्र से मुक्ति मिल जाती है बशर्तें व्यक्ति कभी भी ठंडा जल न ले। सदा ही गर्म जल पीये। जल मानव के साथ ही साथ पूरी मानवता के लिए अमृत तुल्य है। पूरा धरातल जल से प्रभावित एवं पोषित है, अत: हम जल के महत्व को समझे और जल को नष्ट होने से बचाने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें।