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जहाँ जन्मे वीर वर्धमान जी!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
जहाँ जन्मे वीर वर्धमान जी
200px]] http://encyclopediaofjainism.com/mp3/8_6_Jahan_janme_veer_vardhmaan_ji.mp3
तर्ज—जरा सामने तो……
जहाँ जन्मे वीर वर्धमान जी, जहाँ खेले कभी भगवान जी।
उस कुण्डलपुरी को पहचान लो, जय हो सिद्धार्थ त्रिशला के लाल की।। टेक.।।
कुण्डलपुर में राजा सर्वारथ के सुत सिद्धार्थ हुए।
जो वैशाली के नृप चेटक की पुत्री के नाथ हुए।।
रानी त्रिशला की खुशियां अपार थी, सुन्दरता की वे सरताज थीं।
उस कुण्डलपुरी को पहचान लो, जय हो सिद्धार्थ त्रिशला के लाल की।।१।।
राजहंस से मानसरोवर जैसे शोभा पाता है।
वैसे ही प्रभुजन्म से जन्मनगर पावन बन जाता है।।
जय जय होती है प्रभु पितु मात की, इन्द्र गाता है महिमा महान जी।
उस कुण्डलपुरी को पहचान लो, जय हो सिद्धार्थ त्रिशला के लाल की।।२।।
प्रान्त बिहार में नालन्दा के, निकट वही कुण्डलपुर है।
छब्बीस सौवें जन्मोत्सव में, गूंजा ज्ञानमती स्वर है।।
तभी आई घड़ी उत्थान की, हुई दर्शन से ‘‘चन्दना” निहाल भी।।
उस कुण्डलपुरी को पहचान लो, जय हो सिद्धार्थ त्रिशला के लाल की।।३।।
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