



| (१) दर्शन | (२) व्रत |
| (३) सामायिक | (४) प्रोषधोपवास |
| (५) सचित्त त्याग | (६) रात्रि भुक्ति त्याग/दिवा मैथुन त्याग |
| (७) ब्रह्मचर्य | (८) आरंभ त्याग |
| (९) परिग्रह त्याग | (१०) अनुमति त्याग |
| (११) उद्दिष्ट त्याग |
| (१) भीमावली | (२) जितशत्रु |
| (३) रुद्र | (४) वैश्वानर |
| (५) सुप्रतिष्ठ | (६) अचल |
| (७) पुण्डरीक | ८) अजितंधर |
| (९) जितनाभि | (१०) पीठ |
| (११) सात्यकि |
| (१) इंद्रभूति | (२) अग्निभूति |
| (३) वायुभूति | (४) शुचिदत्त |
| (५) सुधर्म | (६) माण्डव्य |
| (७) मौर्यपुत्र | (८) अकम्पन |
| (९) अचल | (१०) मेदार्य |
| (११) प्रभास |
| (१) आचारांग | (२) सूत्रकृतांग |
| (३)स्थानांग | (४) समवायांग |
| (५) ज्ञातृकथांग | (६)व्याख्याप्रज्ञप्ति |
| (७)उपासकाध्ययनांग | (८) अंत: कृतदशांग |
| (९) अनुत्तरोपपादिक दशांग | (१०) विपाकसूत्रांग |
| (११) प्रश्नव्याकरणांग |
| (१) अणिमा | (२) महिमा |
| (३) गरिमा | (४) लघिमा |
| (५) प्राप्ति | (६) प्राकाम्य |
| (७) ईशत्व | (८) वशित्व |
| (९) अप्रतिघाती | (१०) अंतर्धान |
| (११) कामरूपित्व। |
