== जीवन का उद्देश्य स्वयं को जानना एवं समता में स्थित होना है.अर्थात स्वस्थ होना.योग का भी यही अर्थ है.और यही है सामायिक.यही निराकुल सुखी होने का उपाय है.इसके लिए शरीर का निरोगी होना पहला कदम है.कहा भी गया हैं,”पहला सुख निरोगी काया”.उसका उपाय हैं- तन शुद्धि,मन शुद्धि,वचन शुद्धि आहार शुद्धि जल-वायु शुद्धि”यह कायाकल्प सूत्र है,