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जिस धरा पर सदा न्याय!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
जिस धरा पर सदा न्याय की जय हुई
तर्ज—जिस गली में तेरा……
जिस धरा पर सदा न्याय की जय हुई, वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।
जिस धरा पर न अन्याय विजयी हुआ, कौरवों के पराजय की वह भूमि है।।टेक.।।
हस्तिनापुर बनी राजधानी कभी, कौरवों पांडवों की निशानी कभी-२
लाख के घर में जलते हुए बच गए। वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।।१।।
जिस धरा…..
द्यूत क्रीड़ा युधिष्ठिर ने खेली जहाँ, राज्य भी हार आपत्ति झेली जहाँ।-२
द्रौपदी की जहाँ शील रक्षा हुई, वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।।२।।
जिस धरा…..
अन्त में युद्ध का भी, बिगुल बज उठा, दोनों पक्षों का संग्राम दल चल पड़ा।-२
अंत कौरव का हो न्याय जीता जहाँ, वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।।३।।
जिस धरा…..
राज्य कर पाँचों पाण्डव ने दीक्षा लही, गिरि शत्रुंजय पे उनकी परीक्षा हुई।-२
कुर्युधर ने किया अग्नि उपसर्ग था, वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।।४।। जिस धरा…..
तीन शिव पा गए दो ने स्वर्ग लहा, वे भी पाएंगे निर्वाण नरभव में आ।-२
‘‘चन्दनामति’’ बने कर्मविजयी जहाँ, वह धरा पांडवों की विजयभूमि है।।५।। जिस धरा…..
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