मैं जीव हूँ। मुझमें जानने (ज्ञान) और देखने (दर्शन) की शक्ति है तथा मैं जीता था, जीता हूँ और जीऊँगा इसलिये जीव हूँ। मनुष्य, तिर्यंच, पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े, वृक्ष आदि सभी जीव हैं।
यह खिलौना अजीव है। इसमें जानने और देखने की शक्ति नहीं है। यह सुख और दु:ख का अनुभव नहीं कर सकता, इसलिये अजीव है। घड़ी, मोटर, टेलीविजन, मकान आदि अजीव हैं।