अहिंसक पदार्थों की शृंखला में एक अन्य नाम है ‘वनौषधियों’ का, जिनका उत्पादन डॉ. उर्जिता जैन (एम.डी.)-मुम्बई द्वारा संचालित ‘वनौषधि केन्द्रों’ में किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं सौंदर्य के क्षेत्र में पूर्णतया वनस्पति आधारित इन अहिंसक पदार्थों की लिस्ट यहाँ प्रस्तुत है, ताकि सुधीपाठक इन प्रतिदिन काम आने वाली वस्तुओं के प्रयोग से अपने अहिंसा व्रत को संरक्षित रख सकें।
शाश्वत सौंदर्य का सदियों पुराना राज बालों की देखभाल
जास्वंद जेल (बालों की देखभाल के लिए)—यह शुद्ध जेल ताजे, प्राकृतिक जास्वंद फूलों के संयुक्त तत्त्व से बना है जिसमें बालों की देखभाल करने वाली अन्य वनौषधियाँ भी हैं। बालों के गिरने की शुरुआत होते ही या बालों का जगह-जगह कम होना देखते ही इस्तेमाल शुरु करें। यह बालों का उगाना तेज करता है। बालों को नर्म-मुलायम, स्वस्थ एवं संवारने योग्य बनाता है। सिर की त्वचा को गर्मी से राहत देता है। रुसी, सर की त्वचा के दूषण, तथा समय पूर्व बालों को पकने से रोकता है।
हेरोमा (अरोमा केश तेल)—सुंदर बालों के लिए यह १०० प्रतिशत कुदरती केश तेल अरोमाथेरपि तेलों से युक्त है। यह तिल तेल, बादाम, व्हीटजर्म तेल, जेरॅनियम, रोजमेरी, मोतिया रोशा इत्यादि तेलों का एक सुंदर मिश्रण है। यह सुगंधी, चिपचिपारहित है और बालों को झड़ने से रोककर सुंदर बनाता है।
केशिका (बाल धोने के लिए)—बालों को धोने का १०० प्रतिशत प्राकृतिक उपाय। शैम्पू और साबुन का उत्तम पर्याय, इसमें कोई भी रासायनिक द्रव्य नहीं। शिकाकाई, रिठा, क.सुगंधी और संतरा छाल से युक्त।पुरुष और महिलाओं द्वारा नियमित उपयोग के लिए आदर्श, बस पानी मिलाकर पेस्ट बनाइए, लगाइए और सिर की त्वचा पर मालिश करके धो डालिए। बालों में कुदरती चमक-दमक और उछाल आ जायेगा।
ट्रायडॉफ (बालों में डेंड्रफ होना)—यह सिर की त्वचा की कोमलता से सफाई करे, मृत त्वचा को अलग करे। जलन और संक्रमण से बचाये। सिर की त्वचा की अतिरिक्त गर्मी मिटाये। अेलो वेरा जेल (पतला) के साथ पेस्ट बनाइए। सिर की त्वचा पर धीरे-धीरे मालिश कीजिए। २० मिनिट बाद धो डालिए। बाल नर्म-मुलायम, रेशमी और डैंड्रफ (रूसी) से मुक्त हो जायेंगे। सप्ताह में दो-बार, सिर धोने से पहले इस्तेमाल करें। उम्र चाहे जो हो।
न्यू क्रॉप (केश वर्धक)—जास्वंद, ब्राह्मी, कुलिंजन, जटामांसी जैसी वनौषधियाँ बालों का गिरना रोकती है। नये स्वस्थ बालों को उगाने में सहायता देती है। रूसी से बचाता है। बालों की जड़ों को नया जीवन देता है। अेलो वेरा जेल (पतला) में पेस्ट बनाकर मस्तिष्क पर मालिश कीजिए। २० मिनिट बाद धो डालिए। बीमारी आदि या प्रसूती की वजह से अचानक गिरते बालों को रोकता है।
ग्रेनिल (सफेद बालों के लिए)—सफेद बालों के लिए १०० प्राकृतिक उपाय। कुदरती वनौषधियाँ, जैसे आंवला, मेहंदी, जास्वंद, इंडिगो तथा सोफिया तेल से निर्मित। ये सिंथेटिक हेयर डाइ में पाये जानेवाले हानिकारक रसायनों से मुक्त है। बालों का गिरना रोकता है। बालों को मुलायम बनाता है तथा बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाता है।
हर्बोलेप (उबटन)—इसमें उबटन है, जो भारत में प्राचीन काल से त्वचा को निखारने, उसे नया जीवन देने और रक्त संचार को सुधारने के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है। इसकी पानी में बनाई पेस्ट को चेहरे व शरीर पर लगाइए, कुछ समय तक मलिए, और फिर पानी से धो डालिए। नर्म, मुलायम और सुंदर त्वचा के लिए, रोजाना नहाने से पहले इस्तेमाल करें।
लेपैक ओ एण्ड डी (चेहरे की निगरानी)—तैलीय व शुष्क त्वचा के लिए फेस पैक, लेपैक-ओ, नीम तथा मुलतानी मिट्टी युक्त है जो गंदगी व मृत कोशिकाओं को साफ करता है। तैलीय गाठों को बंद करता है तथा तैलीय त्वचा को पुनर्जाrवित करता है। लेपैक-डी, गुलाब तथा चंदन युक्त है जो शुष्क त्चचा को कोमल, स्वस्थ बनाकर रौनक देता है, पानी से पेस्ट बनाइए। २० मिनिट तक लगाइए, फिर धो डालिए।
तेजस (तेजस्वी चेहरा)—खुरदरी और बेजान त्वचा से कहिए अलविदा, अश्वगंधा, चंदन तथा हल्दी त्वचा के रोम छिद्रों को खोलें। त्वचा की गंदगी और धूल को बाहर निकालें। बेजान त्वचा को दे रौनक और चेहरे पे लाए प्रकृतिक निखार। पानी में पेस्ट बनायें, चेहरे पर यह पेस्ट लगाकर धीरे-धीरे मालिश करें। २० मिनिट तक लगाइए, फिर धो डालिए।
फेअरकॉम (गोरी त्वचा)—गुलाब, नीम, पपया, काकड़ी जैसी वनौषधियाँ त्वचा पर बड़ी कोमलता से असर करती हैं तथा आपका धीरे-धीरे ही सही, पर निश्चित तौर पर, रंग निखारती हैं। सप्ताह में दो बार, तीन महिने तक इस्तेमाल कीजिए। इसमें कोई हानिकारक रसायन, ब्लीच नहीं है। रंग निखारने का यह बड़ा ही सुरक्षित उपाय है। पानी में मिलाकर यह पेस्ट त्वचा पर लगायें तथा २० मिनिट बाद धो डालें।
सतेज (चेहरे के दाग के लिए)—अेलो, पपया, अंबा हल्दी तथा गुलाब आपके चेहरें से दाग-धब्बों को बड़ी ही कोमलता से, बिना नुकसान पहुँचाए, दूर करते हैं। आपके रंग-रूप को बेदाग, रौकनदार रखते हैं। पानी से पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्सों पर लगाइए। २० मिनिट तक लगाये रखें व धीरे-धीरे मालिश करें, फिर पानी से धो डालें।
पिंपल और (मुँहासों के लिए)—अर्जुन, पपया, जामुन, लाल चंदन, मंजिष्ठा जैसी वनौषधियाँ हैं जो कीटाणुओं का नाश करके त्वचा को साफ-सुथरा रखती हैं। ये असरदार वनौषधियाँ आपकी त्वचा के रंध्रों को खोल देती हैं। आपको सिर्फ इतना ही करना है कि पानी में पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्सों पर लगाना है। २० मिनिट बाद धो डालें।
कुकुंबर जेल (त्वचा निखार)—बिल्कुल ताजा और खास किस्म की ककड़ियोें से निर्मित। बिना किसी रसायन या घोलक की प्रक्रिया से बना। चेहरे व त्वचा की कोमलता की हिफाजत करें। इसका उपयोग सौंदर्य उत्पादनों, स्किन टॉनिक, फेस पैक में किया जा सकता है। त्वचा उचटने व दाद आदि के दागों पर उपयोगी है। नियमित उपयोग से मुहांसे, दाग-धब्बे, झुर्रियां व चेहरे की शुष्कता जाती रहती है। लू लगने पर भी उपयोगी है। रंग रूप को निखारती है।
अॅलो वेरा/कुकुंबर जेल (१००/५०० ग्राम)—यह एक नया, विकसित फॉर्म्युला विशेष रूप से सौंदर्यतज्ञ और बड़े परिवारों को इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। बड़ी बोतल होने से उँगलीयोंसे या चम्मच से आसानी से इसे निकाल सकते हैं। इस फॉर्म्युला में नया और उत्तम गाढा द्रव इस्तेमाल किया है।
डोनाकेयर (हर्बल केश जेल)—डोनाकेयर हेयर जेल यह केश्य वनौषधि और बालों के लिए उपयुक्त ऐसे अरोमाथेरपि तेलोंसे बनाया है। बाल गिरना, बालों में रूसी, असमय बाल सफेद होना रोककर बालोें की त्वचा में खून का सप्लाय बढ़ाता है और केशग्रंथी को उत्तेजित कर उन्हें कार्यरत करता है।
अॅलो वेरा जेल-वी (त्वचा की सुरक्षा)—यह जलने, झुलसने, सिर की त्वचा की गर्मी, हाथ-पैरों के फटने, कीटकों को काटने तथा डंक मारने, जूता लगने व नैपी खरोंचो के लिए बेमिसाल है। इसके झुर्रियारोधी गुणों के कारण इसे आदर्श सौंदर्य उपचार माना जाता है।यह खरोंचों के निशान मिटा देता है। यह पुरुषों के लिए भी आफ्टर शेव जेल के रूप में उपयुक्त है। इसमें एन्टीएजिंग गुणधर्म भी हैं।
अॅलो वेरा जेल लिक्वीड (पातळ)—प्राकृतिक मॉइश्चराइजर, यह त्वचा से धूल, चिकनाई, पसीना, भद्दा मेकअप आदि साफ करने में सहायता करता है। आँखों के इर्द-गिर्द भी बेसाख्ता इस्तेमाल किया जा सकता है। सोने से पहले रोजाना इस्तेमाल करें। नाक, ठुड्डी, गर्दन व कान की जुड़वा जगहों पर विशेष ध्यान दें। बालों के फॉर्म्युले में इसका इस्तेमाल पेस्ट बनाने के लिए किया जाता है।
कोमल (बेबी मसाज ऑइल)—नर्म-मुलायम, पोषक और गुणकारी बेबी ऑईल, जो शिशु की त्वचा को स्वस्थ और कोमल बनाए रखे। कोमल में है लॅवेंडर, जो आराम की नींद लाए। बादाम और व्हीटजर्म त्वचा के लिए टॉनिक का और जोजोबा वैâरियर (वाहक) का काम करे। तो हर दिन अपने शिशु को थोड़े से कोमल से मालिश कीजिए और अपने मुन्ने को स्वस्थ-तंदुरुस्त व हंसता-मुस्कराता रखिए।
जास्वंद केश तेल (हर्बल केश तेल)—केशवर्धक वनौषधीयों से युक्त यह एक खुशबूदार केश तेल है। जिनके बाल रूखे एवं पतले हैं उनके लिए लाभदायक है। रात को बालों को मसाज करने के लिये एक आदर्श केशतेल है। असमय बाल सफेद होना, झड़ना और रुसी से बचने के लिए उपयुक्त।