१. जैन समुदाय के अल्पसंख्यक घोषित होने से संविधान के अनुच्छेद २५ से ३० के अनुसार जैन समुदाय धर्म, भाषा, संस्कृति की रक्षा संविधान में उपबन्धों के अन्तर्गत हो सकेगी।
२. जैन धर्मावलम्बियों के धार्मिक स्थल, संस्थाओं , मंदिरों, तीर्थ क्षेत्रों एवं ट्रस्टों का सरकारीकरण या अधिग्रहण आदि नहीं किया जा सकेगा। अपितु धार्मिक स्थलों का समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध शासन द्वारा भी किये जायेंगे।
३. समुदाय द्वारा संचालित ट्रस्टों की सम्पत्ति को, किराया नियन्त्रण अधिनियम से भी मुक्त रखा जाएगा, जिससे मंदिर के मकान , दुकान आदि को आसानी से खाली कराया जा सकेगा।
४. जैन धर्मावलम्बी अपनी प्राचीन संस्कृति पुरातत्व का संरक्षण कर सकेंगे।
१. जैन समुदाय द्वारा संचालित /स्थापित शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ाई करने या कराने के लिए जैन धर्माप्वालम्बियों को स्वतन्त्र अधिकार प्राप्त होगा।
२. जैन समुदाय द्वारा संचालित / स्थापित शैक्षणिक संस्थाओं में जैन विद्यार्थियों के लिए ५० प्रतिशत सीटें आरक्षित की जा सकेंगी ।
३. समुदाय द्वारा संचालित स्थापित शैक्षणिक संस्थाओं में धर्म की शिक्षा को नैतिक शिक्षा के आधार पर पाठ्यक्रमों में शामिल किया जा सकता है।
४. प्रतिभावान अल्पसंख्यक विद्यार्थी जिले में उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश पाते हैं तो उनमें गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले विद्यार्थियों को ९वीं, १०वीं, एवं १२वीं का शिक्षण—शुल्क एवं अन्य लिया जाने वाला शुल्क पूर्णत: माफ किया जायेगा।
५. अल्पसंख्यक वित्त आयोग से बहुत कम ब्याज दर लाभ व्यवसाय व उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा के लिए उपलब्ध हो सकेगा ।
६. जैन मंदिरों, तीर्थस्थलों , शैक्षणिक संस्थाओं इत्यादि के प्रबन्ध की जिम्मेदारी समुदाय के हाथ में रहेगी।
७. शैक्षणिक एवं अन्य संस्थानों के स्थापित करने और उनके संचालन में सरकारी हस्तक्षेप कम हो जाएगी।
८. विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित कोचिंग कॉलिजों में समुदाय के विद्यार्थियों को फीस कम या माफ होने की पात्रता होगी।
९. सरकार जैन समुदाय को स्वूâल, कॉलिज, छात्रावास, शोध व प्रशिक्षण संस्थान खोलने हेतु सभी सुविधाएं उपलब्ध करायेगी और रियायती दर पर जमीन देगी।
१०. जैन समुदाय के विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं और व्यवसायिक पाठ्यक्रर्मों के प्रशिक्षण हेतु अनुदान मिल सकेगा।
११. जैन समुदाय द्वारा संचालित जिन संस्थाओं पर कानून की आड़ में बहुसंख्यकों ने कब्जा जमा रखा है उनसे मुक्ति मिलेगी।
१२. जैन धर्मावलम्बी को बहुसंख्यक समुदाय के द्वारा प्रताड़ित किये जाने की स्थिति में सरकार जैन धर्मावलम्बी की रक्षा करेगी।
१३. जैन धर्मावलम्बी द्वारा पुण्यार्थ, प्राणी सेवार्थ, शिक्षा इत्यादि हेतु दान धन—कर से मुक्त होगा।
१. अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों के समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध शासन द्वारा किये जायेंगे”
२. अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं में खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रोत्साहन हेतु अनुदान एवं छात्रवृत्तियों में विशेष प्रावधानों का लाभ मिल सकेगा।
३. अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कराए गए आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति के सर्वेक्षण के आधार पर रोजगार मूलक योजनाओं का लाभ मिलगा।
४. यदि भविष्य में केन्द्र या राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व या अन्य सुविधाएं प्रदान करती हैं तो उसका लाभ समुदाय को भी प्राप्त होगा।
१.मौलाना आजाद एज्युकेशन फाउण्डेशन केन्द्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा घोषित एक स्वैच्छिक एवं नितान्त अव्यावसायिक संगठन है। उक्त संगठन द्वारा शैक्षणिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों/विद्यालयों/ आवासीय विद्यालय/ महाविद्यालयों की स्थापना एवं विस्तार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। विद्यालय/ महाविद्यालय में बालिकाओं के लिए छात्रावास निर्माण हेतु भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। शैक्षिक रूप में पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए सुधारक अनुशिक्षण (कोचिंग) तथा परीक्षा पूर्व अनुशिक्षण एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े संस्थानों में प्रयोगशाला/ उपकरणों/फर्नीचर आदि की खरीद के लिए भी वित्तिय सहायता इस प्रतिष्ठान की इन योजनाओं का विस्तार सम्पूर्ण देश में है तथा इसके अन्तर्गत एक बार में किसी संस्थान को ५० लाख (पचास लाख) रूपये तक की सहायता प्रतिष्ठान से प्राप्त की जा सकती है। ऐसी पंजीकृत सोसाइटियाँ /ट्रस्ट जो पिछले तीन वर्षों से अस्तित्व में हों तथा तीन वर्षों का लेखा परीक्षित खाता का विवरण अपने आवेदन के साथ फाउण्डेशन को भेजना होगा।
२. संस्कृत पाठशाला , कोचिंग क्लास इत्यादि के लिए छात्र—छात्राओं हेतु विभिन्न योजनाएं।
३. विविध वोकेशनल ट्रेनिंग एवं विद्यालयों से सम्बन्धित योजनाएं। अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी हेतु मध्य प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग भोपाल स्थित कार्यालय से सम्पर्वâ करें। अल्पसंख्यक समुदायों को सुनियोजित एवं चतुर्मुखी विकास के लिये कटिबद्ध प्रदेश सरकार के कार्यक्रम इन समुदायों की प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगे तथा इनका लाभ जल्द ही प्रदेश के अल्पसंख्यकों को मिल सकेगा, ऐसी भावना है। देश के विभिन्न राज्यों यथा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, झारखण्ड, कर्नाटक, महाराष्ट्र राज्य में जैन समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक घोषित किया जा चुका है। साथ ही पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु आदि राज्यों के अल्पसंख्यक अयोग ने जैन समुदाय को उनके राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय घोषित करने की अनुशंसा राज्य सरकार से की है। जैन समुदाय में व्याप्त भ्रान्तियों के परिपेक्ष्य में यह संवैधानिक पहलू एवं विश्लेषण समाज तक पहुँचानेस्त्र का मेरा दायित्व है, जिसका मैंने विनम्र प्रयास किया है।
दिगम्बर जैन महासमिति पत्रिका नई दिल्ली, अगस्त २०१४