तर्ज—मेरे अंगने में……
ज्ञानमती माता का जनमदिन आज है।
शरद पूनो रात्री में आया एक चांद है।। टेक.।।
नभ का चंदा मामा अमृत की वृष्टि करता है।
पूनों के इस चंदा से ज्ञान की बरसात है।। ज्ञानमती……।।१।।
जम्बूद्वीप रचना की पावन हैं प्रेरिका।
ज्ञानज्योति यात्रा का श्रेय इन्हें प्राप्त है।। ज्ञानमती……।।२।।
नारियाँ तो मधुरस की लाली कही जाती हैं।
त्यागमूर्ति पहली ही ज्ञानमति मात हैं।। ज्ञानमती……।।३।।
प्रभु की जन्मभूमियों से तुमको बहुत प्यार है।
तभी ‘चंदनामती’ वे भूमियाँ साकार हैं।। ज्ञानमती……।।४।।