प्रश्न १ :- सिद्ध और अरिहंतों में क्या भेद है ? (१) आठ घातिया कर्मों को नष्ट करे तो अरहंत, चार कर्म नष्ट करने वाले सिद्ध होते हैं। (२) अरिहंत भगवान आठ कर्मों से सहित हैं और सिद्ध आठ कर्म रहित हैं। (३) आठ कर्मों को नष्ट करने वाले सिद्ध और चार घातिया कर्म को नष्ट करने वाले अरहंत होते हैं। (४) कोई भेद नहीं है। उत्तर:-आठ कर्मों को नष्ट करने वाले सिद्ध और चार घातिया कर्म को नष्ट करने वाले अरहंत होते हैं।
प्रश्न २ :-शहद की एक बिन्दु मात्र के भक्षण से क्या पाप लगता है ? (१) नरकगति मिलती है (२) सात ग्राम जलाने का पाप लगता है। (३) पाँच ग्राम जलाने का पाप लगता है (४) शहद एक औषधि है, इसे खाने से पाप नहीं लगता है उत्तर:-सात ग्राम जलाने का पाप लगता है।
प्रश्न ३ :-जंगमप्रतिमा का क्या स्वरूप है ? (१) अरहंत भगवान जंगम प्रतिमा कहलाते हैं। (२) पाँच इन्द्रियों को वश में करने वाले जंगम प्रतिमा कहलाते हैं। (३) निरतिचार चारित्र का पालन करने वाले निग्र्रन्थ दि. मुनि चलती फिरती जंगम प्रतिमा है। (४) संयमी मनुष्य जंगम प्रतिमा कहलाते हैं। उत्तर:-निरतिचार चारित्र का पालन करने वाले निग्र्रन्थ दि. मुनि चलती फिरती जंगम प्रतिमा है।
प्रश्न ४ :-क्षायिक सम्यक्त्व कैसे होता है ? (१) गुरु की निश्छल भक्ति से (२) केवली या श्रुतकेवली के पादमूल में (३) मानस्तंभ के दर्शन से (४) इनमें से कोई नहीं उत्तर:-केवली या श्रुतकेवली के पादमूल में
प्रश्न ५ :-अणुव्रत और महाव्रत में क्या भेद है ? (१) कोई भेद नहीं है, दोनों समान हैं (२) एकदेशव्रत को अणुव्रत तथा सर्व देश्विरति को महाव्रत संज्ञा है। (३) सम्पूर्ण आरम्भादि का त्याग अणुव्रत और कुछ त्याग महाव्रत है।
(४) शुद्ध जल और भोजन ग्रहण करना अणुव्रत और ग्यारह प्रतिमा लेना महाव्रत है। उत्तर:-एकदेशव्रत को अणुव्रत तथा सर्व देश्विरति को महाव्रत संज्ञा है।
प्रश्न ६ :-जिनमुद्रा और चक्रवर्ती मुद्रा में क्या अन्तर है ? (१) आरम्भादि का त्याग करना जिनमुद्रा और वैभव का होना चक्रवर्ती मुद्रा है। (२) ऐसी कोई मुद्रा ही नहीं होती है। (३) मुनियों का आकार जिनमुद्रा है और ब्रह्मचारियों का आकार चक्रवर्ती मुद्रा है। (४) साधक श्रावक की मुद्रा जिनमुद्रा है और मोक्षमार्गी सत्पुरुष का आकार चक्रवर्ती मुद्रा है। उत्तर:- मुनियों का आकार जिनमुद्रा है और ब्रह्मचारियों का आकार चक्रवर्ती मुद्रा है।
प्रश्न ७:- मोक्ष का द्वार किसे कहा गया है ? (१) गुरुओं की उपासना को (२) विनय को (३) जिनेन्द्र भक्ति को (४) दीक्षा धारण करने को उत्तर:-विनय को
प्रश्न ८ :-अपात्र और कुपात्र में क्या भिन्नता है ? (१) लोभी मनुष्य अपात्र और भीख मांगने वाले कुपात्र कहलाते हैं। (२) सम्यग्दर्शन से रहित हो व्रत का पालन करने वाले कुपात्र और सम्यग्दर्शन तथा व्रत इन दोनों से रहित मनुष्य अपात्र हैं। (३) अपात्र और कुपात्र दोनों एक ही कहलाते हैं। (४) सम्यग्दर्शन और व्रत से रहित अपात्र और सम्यग्दर्शन रहित व्रत के पालक कुपात्र हैं। उत्तर:-सम्यग्दर्शन से रहित हो व्रत का पालन करने वाले कुपात्र और सम्यग्दर्शन तथा व्रत इन दोनों से रहित मनुष्य अपात्र हैं।
प्रश्न ९:- जितमोह साधु का जब मोह नष्ट हो जाता है, तब उन्हें क्या संज्ञा प्रदान की गई है ? (१) जितेन्द्रिय (२) केवली (३) क्षीणमोह (४) अपरिग्रही उत्तर:-क्षीणमोह
प्रश्न १० :-जीव का वास्तविक स्वरूप क्या है ? (१) जीव और आत्मा का एकमेक हो जाना (२) ज्ञान-दर्शनमय होना (३) वर्ण, रस, गुणस्थान, ,मार्गणादि से सहित होना (४) इनमें से कोई नहीं उत्तर:-ज्ञान-दर्शनमय होना
प्रश्न ११:- सज्जाति किसे कहते हैं ? (१) उत्तम कुल में जन्म लेना (२) पिता के वंश की शुद्धि (३) माता के वंश की शुद्धि (४) कुल और जाति दोनों की विशुद्धि उत्तर:-कुल और जाति दोनों की विशुद्धि
प्रश्न १२:-तपोनिधि मुनियों को नमस्कार करने से क्या फल मिलता है ? (१) कीर्ति बढ़ती है (२) उच्च गोत्र में जन्म होता है (३) पूजा होती है (४) भोगोपभोग सामग्री की प्राप्ति होती है उत्तर:- उच्च गोत्र में जन्म होता है
प्रश्न १३ :-श्रावकों के लिए सामायिक में कितनी भक्ति करने का विधान है ? (१) चार भक्ति-सिद्ध, चैत्य, पंचगुरुभक्ति और शांतिभक्ति (२) दो भक्ति-चैत्यभक्ति, पंचगुरुभक्ति (३) पाँच भक्ति-सिद्ध, श्रुत, चैत्य, चारित्र व शांतिभक्ति (४) एक भक्ति-शांतिभक्ति उत्तर:-चार भक्ति-सिद्ध, चैत्य, पंचगुरुभक्ति और शांतिभक्ति
प्रश्न १४ :-भरत ऐरावत क्षेत्र में मनुष्यों के…………………. (१) चतुर्थकाल में चौदह गुणस्थान होते हैं। (२) चतुर्थकाल में छठा, सातवाँ गुणस्थान होता है। (३) पंचम गुणस्थान तक हो सकता है। (४) क्षायिक सम्यक्त्व हो सकता है। उत्तर:-चतुर्थकाल में चौदह गुणस्थान होते हैं।
प्रश्न १५ :-कर्मभूमियाँ मनुष्यों की उत्कृष्ट आयु……..की है। (१) एक करोड़ वर्ष (२) एक लाख वर्ष (३) तीन पल्य (४) एक कोटि पूर्व वर्ष उत्तर:-एक कोटि पूर्व वर्ष
प्रश्न १६ :-शनालब्धि किसे कहते हैं ? (१) छह द्रव्य और नव पदार्थ के उपदेश को (२) देशना देने वाले आचार्य आदि की उपलब्धि को (३) गुरु के उपदेश श्रवण को (४) सम्यक्त्व प्रगट होने को उत्तर:-देशना देने वाले आचार्य आदि की उपलब्धि को
प्रश्न १७ :-संवेदनी और निर्वेदनी कथा में क्या अन्तर है ? (१) प्रथमानुयोग का वर्णन करने वाली कथा संवेदनी और वैराग्य कथा निर्वेदनी है। (२) तत्त्वों का निरूपण करने वाली कथा संवेदनी और स्वसमय की स्थापना करने वाली कथा निर्वेदनी है। (३) छह द्रव्य और नव पदार्थ का प्ररूपण करने वाली कथा संवेदनी और परसमय का निराकरण करने वाली कथा निर्वेदनी है। (४) पुण्य के फल का वर्णन करने वाली कथा संवेदनी और पाप के फल का वर्णन करने वाली कथा निर्वेदनी है। उत्तर:-पुण्य के फल का वर्णन करने वाली कथा संवेदनी और पाप के फल का वर्णन करने वाली कथा निर्वेदनी है।
प्रश्न १८ :-परिकर्म नामक टीका ग्रंथ की रचना किसने की है ? (१) आचार्यश्री जिनसेन (२) आचार्य श्री कुन्दकुन्द स्वामी (३) आचार्य श्री धरसेन (४) आचार्य श्री पुष्पदंत-भूतबलि उत्तर:-आचार्य श्री कुन्दकुन्द स्वामी
प्रश्न १९ :-जहाँ पर तीर्थंकर महापुरुष जन्म लेते हैं, दीक्षा ग्रहण करते हैं, केवलज्ञान को प्राप्त करते हैं और निर्वाण को प्राप्त करते हैं ये……………..कहलाते हैं। (१) पवित्र स्थल (२) कल्याणक स्थान (३) सिद्धभूमि (४) अतिशय क्षेत्र उत्तर:-कल्याणक स्थान
प्रश्न २० :-अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी में क्या अन्तर है ? (१) दश कोड़ाकोड़ी सागर की अवसर्पिणी और बीस कोड़ाकोड़ी सागर की उत्सर्पिणी है। (२) अवसर्पिणी में पृथ्वी विकलत्रय जीवों से रहित और उत्सर्पिणी में पृथ्वी विकलत्रय जीवों से सहित होती है। (३) जिसमें मनुष्यों एवं तिर्यंचों की आयु, शरीर की ऊँचाई, वैभव, सुख आदि घटते जाते हैं, वह अवसर्पिणी तथा जिसमें बढ़ते जाते हैं, वह उत्सर्पिणी कहलाती है। (४) जिसमें मनुष्यों, तिर्यंचों की आयु, ऊँचाई, वैभव, सुख आदि बढ़ते जाते हैं, वह अवसर्पिणी और जिसमें घटते जाते हैं, वह उत्सर्पिणी कहलाती है। उत्तर:-जिसमें मनुष्यों एवं तिर्यंचों की आयु, शरीर की ऊँचाई, वैभव, सुख आदि घटते जाते हैं, वह अवसर्पिणी तथा जिसमें बढ़ते जाते हैं, वह उत्सर्पिणी कहलाती है।
प्रश्न २१:- श्री चन्द्रप्रभु भगवान के शरीर की अवगाहना कितने धनुष प्रमाण थी ? (१) ४०० धनुष (२) २५० धनुष (३) ३५० धनुष (४) १५० धनुष उत्तर:-१५० धनुष
प्रश्न २२ :-तेरह प्रकार के करण अथवा क्रियाएँ क्या हैं ? (१) ५ महाव्रत, ५ समिति और ३ गुप्ति (२) पंच परमेष्ठी को नमस्कार, ६ आवश्यक क्रिया और असही, नि:सही (३) ५ महाव्रत, ६ आवश्यक क्रिया और असही, नि:सही (४) इनमें से एक भी नहीं उत्तर:-पंच परमेष्ठी को नमस्कार, ६ आवश्यक क्रिया और असही, नि:सही
प्रश्न २३:- मूलगुणों के अनुरूप आचरण को………कहते हैं ? (१) उत्तर गुण (२) शुभाचरण (३) समाचार (४) लोकाचरण उत्तर:-समाचार
प्रश्न २४:- मानुषोत्तर पर्वत कहाँ अवस्थित है ? (१) जम्बूद्वीप के बीच में (२) रुचकवर द्वीप के बीच में (३) धातकीखण्ड के बीच में (४) पुष्करवरद्वीप के बीच में उत्तर:- पुष्करवरद्वीप के बीच में
प्रश्न २५ :-सर्व पर्याप्त मनुष्यों की संख्या………….है। (१) ४६ अंक प्रमाण (२) २९ अंक प्रमाण (३) २० अंक प्रमाण (४) १९ अंक प्रमाण उत्तर:-२९ अंक प्रमाण
प्रश्न २६ :-शास्त्रानुसार अयोध्या नगरी कहाँ अवस्थित है ? (१) उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले में (२) भरतक्षेत्र और विजयार्ध के मध्य में (३) भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड के मध्य में (४) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण दिशा में उत्तर:-भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड के मध्य में
प्रश्न २७ :-उत्कृष्ट परीतासंख्यात किसको कहते हैं ? (१) जघन्य असंख्यातासंख्यात को (२) एक कम जघन्य युक्तासंख्यात को (३) महाशलाका कुण्ड के भर जाने को (४) एक कम जघन्य असंख्यातासंख्यात को उत्तर:-एक कम जघन्य युक्तासंख्यात को