(१) पूज्यश्री का नाम – सक्यक्तव शिरोमणि आचार्य श्री १०८ ज्ञानेश्वर मुनि महाराज जी
(२) जन्मस्थान – गरग ताआरे (धारवाड) कर्ना.
(३) जन्मतिथि व दिनाँक – १२-०७-१९४१
(४) जाति – दिगम्बर जैन
(५) (A) माता का नाम श्रीमति सावित्री देवी
(B) पिता का नाम श्री चायप्पा कुरकुरि
(६) लौकिक शिक्षा – एम. ए.
(७) आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – ब्रह्मचारी व्रत, १२-०६-१९९९, आचार्यरत्न श्री बाहुबली महाराज जी के उपदेश से ७वीं प्रतिमा १४-७-२००० लाल मंदिर देहली द्वारा – आचार्य रत्न श्री बाहुबली जी महाराज द्वारा
(८) क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १२-०२-२००५ रोहिणी सेक्टर—८
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु – आचार्य रत्न श्री बाहुबली जी महाराज द्वारा
(९) ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १०-०५-२००६ गरग ता और (धारवाड) कर्नाटक ऐलक दीक्षा गुरु – आचार्य रत्न श्री बाहुबली जी महाराज द्वारा
(१०) मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – ९-११-२००८ शिकोहिपुर, दिल्ली जयपुर रोड, (गुडगांव) मुनि दीक्षा गुरु – आचार्य रत्न श्री बाहुबली जी महाराज द्वारा
(११)आचार्य/उपाध्याय/गणिनी आदि पदारोहण तिथि व स्थान – आचार्य पदरोहण, ०७-११-२०११ देवलापुर, बैलहोंगल (बेलगांव) कर्नाटक पदारोहणकर्ता – चतुसंघ
(१२) साहित्यिक कृतित्व -. (१) धर्मामृत (२) नोपि वृत क्रिया मंजरि (३) बालबोध १,२,३ (४) संपत् शुक्रवार व्रत क्रिया मंजरि (५) श्रावक नित्य नियम (६) ज्ञानामृत सार (७) नित्य सौभाग्य सप्त ज्योति (८) वनस्पति संजीवनी (९) नित्य प्रतिक्रमण दशमत्कि ज्ञान (१०)३६०नेपिक्रिया मंजरि (११) नमोकार मंत्र महिमा (१२) षोडश कारन भावना (१३) सिद्धिदायक मूल मंत्र (१४) सहस्रनाम भावार्थ सहित (१५) नंदीश्वर क्षेत्र और पूजा विधि
(१३) शिष्यों की संख्या –
आचार्य की संख्या-
उपाध्याय की संख्या-
मुनि की संख्या-
गणिनी की संख्या-
आर्यिका की संख्या-
ऐलक की संख्या-
क्षुल्लक की संख्या-. १
क्षुल्लिका की संख्या- २
ब्रह्मचारी भाई की संख्या-
ब्रह्मचारिणी बहनें की संख्या-
अन्य संख्या-
(१४)अन्य विशेष जानकारी –(१) गरग, जि. धारवाड में जयकीर्ति विध्यालय स्थापना किया है—वहाँ १५०० विद्यार्थी विद्याभ्यास कर रहे हैं। (२) देवलापुर, जि.—बेलगांव में ज्ञानतीर्थ विद्यापीठ आकलन मध्यम शिक्षण संस्था स्थापना किया है। (३) देवलापुर में नंदीश्वर (बावन चैत्यालय) भारत देश में पहिल बार नैर्सिग (कुलि हवाम) स्थावना कार्य चल रहा है २०१४ में पंचकल्याण होगा।
(१५)संघ का संपर्क़ सूत्र (मोबाइल, फोन, ईमेल) – ०९८४५८१४४१२