==णमो अरिहंताणं== अरिहंतों ([[अरिहंत]] [[परमेष्ठी]]) को नमस्कार हो । जो मुनिराज तपस्या के द्वारा चार घातिया कर्मों का नाश कर अनन्तचतुष्टय गुणों को प्राप्त कर लेते हैं , वे अरिहंत परमेष्ठी कहलाते हैं ।